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विहिप और संतों ने कहा कांग्रेस के इशारे पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने नियमित सुनवाई का किया है विरोध सुप्रीम कोर्ट ने अखाड़े से मांगे है जमीन से जुड़े दस्तावेज,निर्मोही अखाड़े ने कहा 16 फरवरी 1982 को डकैती में चोरी हो गये दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर बाबरी मस्जिद ( Babari Masjid Case ) मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा के जमीन के टाइटल सूट पर जमीन का साक्ष्य मांगा है , लेकिन निर्मोही अखाड़ा जमीन पर कब्जे से जुड़ा साक्ष्य नहीं दे पाया है . दरअसल 16 फरवरी 1982 को निर्मोही अखाड़ा में डकैती पड़ी थी जिसमें अखाड़ा के सर्वराकार सिया राघव शरण द्वारा दी गई तहरीर में भगवान की आभूषण चार तोला के पांच मुकुट चार सोने की माला सोने की जंजीर पांच चांदी की छड़े 6 चांदी का मुकुट 12 सोने का तिलक 12 चांदी का तिलक सहित पीतल स्टील लोहे के बड़ी संख्या में बर्तन का डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ था. निर्मोही अखाड़ा के पूर्व पैरोकार महंत रामदास की मानें तो 16 फरवरी 1982 को करीब सुबह 5:30 पर जब सिया राम राघव शरण अपने मंदिर में बैठे थे तभी अचानक राम लखन शरण चेला धनुषधारी रामलाल चेला रामबालक शरण धरमदास चेला अभिराम दास महंत हनुमान गढ़ी जिसमें से 10 लोगों को पहचाना गया था कि सभी लोग पहुंचकर सोने के आभूषण व जमीन के दस्तावेज उठा ले गए लेकिन साक्ष्य के अभाव में दिसंबर 1985 को कोर्ट ने महंत धर्मदास समेत सभी आरोपी बाइज्जत बरी कर दिया था. टाइटिल सूट को लेकर निर्मोही अखाड़ा को इसी जमीन का साक्ष्य सुप्रीम कोर्ट में पेश करना है.