इन घंटियों का निर्माण तीन धातुओं को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें तांबे, चांदी और जस्ता जैसे धातु शामिल हैं। इन घंटियों के ऑर्डर में 70 किलो वजन की 5 मंदिर की घंटियां शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स ‘द हिंदू’ के मुताबिक कारीगर पुरुषोत्तमन ने बताया कि इनके अलावा 60 किलोवजन की 6 मंदिर की घंटियां और 25 किलो वजन की एक घंटी के साथ-साथ 36 हाथ की घंटियां बनाई गई थीं। पुरुषोत्तम कहते है कि हमने राम मंदिर में घंटियां समय पर पहुंचाने के लिए दिन-रात काम किया है। अब घंटी बनाने का सारा काम पूरा हो चुका है। इन घंटियों को पूजा के लिए नामक्कल आंजनेयर मंदिर में रखा गया है, जहां से ट्रक से बेंगलुरु भेज दिया जाएगा।
श्री आंडालमोल्डिंग वर्क्स के मालिक कालिदास बताते हैं कि हम सात पीढियों से घंटियां बना रहे हैं। पारंपरिक प्रथाओं का पालन करते हुए इन घंटियों का निर्माण किया गया है। इन्हें बनाने में विशेष रूप से लोहे को शामिल नहीं किया गया।