पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या का विकास मॉडल ऐसा होना चाहिए, जिससे युवाओं में आध्यात्मिकता का सृजन हो। संस्कार के साथ अध्यात्म की शिक्षा प्राप्त मिल सके। शहर ऐसा हो ताकि नौजवानों में भी राम नगरी जाने की इच्छा जगे। उन्होंने कहा जिस तरह भगवान राम में लोगों को एक साथ लेकर चलने की क्षमता थी, ठीक उसी तरह अयोध्या के विकास कार्यों में भी जन भागीदारी की भावना दिखनी चाहिए।
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1100 एकड़ में वैदिक सिटी
पीएम को बताया गया कि अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अयोध्या के विकास के लिए 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। 1,100 एकड़ में नव्य अयोध्या बनेगी। इस वैदिक सिटी का खाका नागर शैली में खींचा जाएगा। प्राधिकरण ने अगले 100 साल की जरूरतों के हिसाब से विकास योजनाएं बनायी हैं। हालांकि प्राथमिकता 30 साल के प्लान को मिलेगी।
अयोध्या शहर में घुसते ही छह द्वार स्वागत करेंगे। सभी द्वार रामायण और भगवान राम के चरित्र से जुड़े होंगे। 6 द्वार में गोंडा रोड पर लक्ष्मण द्वार, वाराणसी रोड पर जटायु द्वार, लखनऊ रोड पर श्रीराम द्वार बनाए जाएंगे।
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वर्चुअल मीटिंग में 13 लोग शामिल
पीएम की वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा समेत 13 लोग शामिल हुए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य मीटिंग में शामिल नहीं थे।
सीएम योगी ने बताया कि अयोध्या के श्रीराम एयरपोर्ट का संचालन इसी साल शुरू हो जाएगा। दर्शन-मार्ग का काम भी जल्द पूरा होगा। सीएम ने बताया कि अयोध्या में 400 करोड़ की लागत से बस स्टैंड बनेगा।
रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, प्रधानमंत्री की रुचि के कारण रामनगरी का विकास कार्य अब धरातल पर भी दिखेगा।