बनी रहे मंदिर की गरिमा विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अयोध्या के रामकोट क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से सील कर दिया गया था। जिसका असर राम जन्मभूमि के आसपास रामकोट क्षेत्र के मंदिरों पर पड़। उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा गयी तो मंदिर के रखरखाव के अभाव में मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गए। बंदिशों की वजह से रामकोट क्षेत्र बदहाल हो गया था। यहां श्रद्धालुओं के आने जाने पर भी पाबंदी लगी थी। मंदिर में पूजा अर्चना का कार्य बंद होने से मंदिर खंडहर में तब्दील हो गए हैं। कई सालों से इन पर काम नहीं किया गया। कुछ ऐसे मंदिर भी थे जो राम जन्मभूमि परिसर के आसपास बने हैं। इसमें प्रमुख रूप से राम खजाना सीता रसोई, कैकयी कोप भवन, कौशल्या भवन, सुमित्रा भवन, लक्ष्मण मंदिर हैं जो राम जन्मभूमि के परिसर के अंदर भी रखरखाव के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो गए। साथ ही पर्यटकों के न आने से रामकोट क्षेत्र के भी मंदिरों की आमदनी बंद हो गई थी। आर्थिक तंगी की वजह से मंदिरों की रिपेयरिंग और रखरखाव के अभाव में मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गये। अब राम मंदिर के साथ ही योगी सरकार अयोध्या में ऐसे मंदिरों पर भी काम करेगी जिनका सौंदर्यीकरण करवाना हो। ताकि यहां श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो और मंदिर की गरिमा भी बनी रहे।
वापस लौटेंगे मंदिरों के दिन राम जन्मभूमि के आसपास के जीर्ण शीर्ण मंदिर के महंत ने योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मंदिर प्रशासन लगातार रामकोट क्षेत्र के आसपास के मंदिरों के जीर्णोद्धार का प्रयास करता रहा लेकिन श्रद्धालुओं पर निर्भर रहने वाली मंदिरों की अर्थव्यवस्था उनके न आने से चरमरा गई। सरकार की पहल स्वागत योग्य है और अगर ऐसा होता है तो अयोध्या के मंदिरों के दिन फिर से वापस आएंगे।