रामलला के पक्षकार होने के कारण कोर्ट ने बताया था रामसखा त्रिलोकी नाथ पांडेय मूलतः बलिया के रहने वाले है। और राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी, इसके अलावा उन्होंने 1979 में विश्व हिंदू परिषद में सक्रिय संगठन मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व वह बलिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक रहे, इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय रहे। उन्होंने बताया कि त्रिलोकी नाथ पांडेय ने राममंदिर आंदोलन के दौरान सक्रिय रहे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने विराजमान रामलला के सखा के तौर ओर 28 वर्षों तक मुकदमा भी लड़ते रहे । और 2019 में श्री रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला भी सुनाया। और आज भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है।
गृह जनपद में होगा अंतिम संस्कार लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में त्रिलोकी नाथ पांडेय के निधन के बाद उनका पार्थिव देर रात्रि लगभग 1 बजे रात्रि अयोध्या में विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम पहुंचा. जहां मौके पर मौजूद विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए गृह जनपद बलिया के सुबह लगभग 3.30 पर रवाना हुआ।