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अयोध्या

राम जन्मभूमि में रामलीला, 500 वर्षों के बाद परिसर में मनेगा दीपोत्सव

राम जन्मभूमि परिसर में भव्य दीपोत्सव मनाए जाने की तैयारी है। इस बार रामलला के अस्थाई मंदिर को भव्य दीपों से सजाया जाएगा। वहीं मंदिर निर्माण स्थल पर भी बड़ी संख्या में दीप प्रज्वलित किए जाएंगे जिसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारी शुरू कर दी है।

अयोध्याOct 14, 2020 / 04:58 pm

Karishma Lalwani

राम जन्मभूमि में रामलीला, 500 वर्षों के बाद परिसर में मनेगा दीपोत्सव

राम जन्मभूमि में रामलीला, 500 वर्षों के बाद परिसर में मनेगा दीपोत्सव

अयोध्या. राम जन्मभूमि परिसर में भव्य दीपोत्सव मनाए जाने की तैयारी है। इस बार रामलला के अस्थाई मंदिर को भव्य दीपों से सजाया जाएगा। वहीं मंदिर निर्माण स्थल पर भी बड़ी संख्या में दीप प्रज्वलित किए जाएंगे जिसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि ऐसा पहली बार है जब 500 वर्षों के बाद रामलला के जन्म स्थली पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दीपोत्सव का लाइव टेलीकास्ट भी होगा। दीपोत्सव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शामिल होने का न्योता भेजा गया है।
राम नगरी अयोध्या में उत्तर प्रदेश सरकार लगातार तीन वर्षों से दीपोत्सव का आयोजन कर रही है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण इस आयोजन में कई बड़े बदलाव लिए जा रहे हैं जिसकी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार दीपोत्सव में भगवान राम का राज्याभिषेक नहीं होगा बल्कि पूरी अयोध्या के मठ मंदिरों, सरयू घाट व राम की पैड़ी सहित हर घर में दीप जलाए जाएंगे।
नेपाल से आएगी भगवान राम की पोशाक

शनिवार 17 अक्टूबर से शुरू होने वाली रामलीला की प्रस्तुति इस बार कुछ अलग अंदाज मे ंहोगी। इसमें सिने जगत के नामी कलाकार हिस्सा लेंगे। ऐसा पहली बार होगा कि प्रदेश में सिर्फ अयोध्या में ही रामलीला का आयोजन किया जाएगा। ऐसे में इस बार की रामलीला पहले की तुलना में कुछ अलग होगी। रामलीला के लिए भगवान राम की शाही पोशाक उनकी ससुराल जनकपुर धाम ससुराल से बनकर आएगी, जबकि उनका धनुष कुरुक्षेत्र से बनकर आएगा। वहीं, देवी सीता के आभूषण उनके ससुराल अयोध्या में बनकर तैयार होंगे।
श्रीलंका से आएंगे रावण के वस्त्र

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुभाष मलिक के अनुसार राक्षसराज दशानन रावण की कई पोशाकों में से एक पोशाक श्रीलंका से बनकर आई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या की रामलीला को 14 भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा। रामलीला को राष्ट्र भाषा हिंदी के अलावा अंग्रेजी, भोजपुरी, तमिल, तेलगू, कन्नड़, मराठी, पंजाबी, उर्दू, राजस्थानी, हरियाणवी, बांग्ला, उड़िया के साथ ही देवी सीता के जन्म स्थान मिथिला की भाषा मैथिली में भी रिकॉर्ड किया जाएगा। रिकॉर्डिंग के एक हफ्ते बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब पर अपलोड कर दिया जाएगा।
सरयू तट पर होगा राम-रावण युद्ध

सरयू तट पर रामलीला का मंचन किया जाएगा। हवा में उड़ते हनुमान, राम और रावण का युद्ध दर्शकों को रोमांचित करने वाला होगा। इसमें स्पेशल इफेक्ट का इस्तेमाल होगा। रामलीला में महत्वपूर्ण किरदार मेरठ और आसपास के कलाकार निभाएंगे।
ये होंगे रामलीला का पात्र

अभिनेता विंदु दारा सिंह हनुमान बनेंगे। इसके अलावा मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर सिंह के पिता मुखिया गुर्जर इसमें कुंभकरण, परविंदर सिंह शत्रुघ्न और हापुड़ के सोनू डागर राम का किरदार निभा रहे हैं। श्रीराम के चरण जिन स्थानों पर पड़े थे उन 18 स्थानों की मिट्टी को एकत्रित कर कलश पूजन किया गया है। इसमें मेरठ के गगोल तीर्थ की मिट्टी भी शामिल है।

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