Deepotsav 2022 : अयोध्या में दिखेगा 15 लाख जलते दीयों का विहंगम दृश्य, मोदी-योगी-जनता बनेंगे गवाह
Deepotsav 2022 of Ayodhya अयोध्या का दीपोत्सव इस वक्त हर व्यक्ति की जुबां पर है। इस बार एक नया रिकार्ड बन सकता है तो पहली बार पीएम मोदी (PM Modi) भी इस दीपोत्सव का हिस्सा बनेंगे। जानें दीपोत्सव में और नया क्या है…
अयोध्या (Ayodhya) में रामलला मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। उम्मीद के अनुरूप राम मंदिर समय से पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के शुरू किए गए दीपोत्सव (Deepotsav 2022) का छठा संस्करण इस बार बेहद जोरदार होने जा रहा है। इस बार जहां यह उम्मीद की जा रही है कि, दीपोत्सव 2022 में 15 लाख से अधिक दीपक जलाने का नया रिकार्ड (Deepotsav new record) बनेगा वहीं इस दीपोत्सव समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार शामिल होंगे। दिवाली की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी (PM Modi) 23 अक्टूबर को अयोध्या सिर्फ चार घंटों के लिए आएंगे। उम्मीद है कि, इस अवसर पर अयोध्या को कुछ शानदार तोहफों से नवाजेंगे।
अयोध्या में पीएम मोदी का कार्यक्रम अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम करीब पांच बजे भगवान श्री रामलला विराजमान के दर्शन और पूजा करेंगे तथा इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र स्थल का निरीक्षण करेंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार, पीएम मोदी वहां पर शाम लगभग 5.45 बजे प्रतीकात्मक भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक करेंगे। शाम लगभग 6.30 बजे, प्रधानमंत्री सरयू नदी के न्यू घाट पर आरती देखेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी वहां पर भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत भी करेंगे। इस दौरान गाय के गोबर से बने 25 हजार दीपक भी जगमग होंगे। दीपोत्सव में विभिन्न राज्यों के विभिन्न नृत्य रूपों के साथ पांच एनिमेटेड झांकियां और 11 रामलीला झांकियां भी प्रदर्शित की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भव्य म्यूजिकल लेजर शो के साथ-साथ सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखेंगे।
यह भी पढ़े – Ayodhya Deepotsav : प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर अयोध्या में कड़ी सुरक्षासीएम योगी ने दीपोत्सव की रखी थी नींव उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ की पहल से मार्च 2017 में दीपावली से एक दिन पहले अयोध्या में दीपोत्सव की शुरूआत की गई। माना जाता है कि राम के वनवास से अयोध्या वापस आने पर वहां के लोगों ने खुशी में अपने घरों एवं चौबारों में दीपक जलाए। त्रेतायुग की उसी याद को ताजा करने के लिए दीपोत्सव की शुरूआत की गई। इस अवसर पर सरयू की भव्य आरती के अलावा पूरे अयोध्या, मंदिरों, मठों, घाटों, सड़कों, चौराहों, सार्वजनिक स्थानों की साज-सज्जा के साथ लाइटिंग, म्यूजिकल लेजर शो, म्यूजिकल ग्रीन फायर क्रैकर शो, एवं दीपकों से जगमग हो उठती है।
यह भी पढ़े – हेलीकॉप्टर से सीधे प्रयागराज गए सीएम योगी संघ प्रमुख से मिले, दीपोत्सव का दिया न्योतालाखों दीपकों का एक साथ जलते देखना अभूतपूर्व व अकल्पनीय अयोध्या में सरयू के दाहिने ओर राम की पैड़ी पर लाखों दीपकों का एक साथ जलते देखना तो खुद में अभूतपूर्व एवं अकल्पनीय होता है। सरयू के जल में पड़ता इनका प्रतिबिंब देख यही लगता है मानो आसमान के सभी चांद-सितारे भी अपने राम के वनवास से आने की खुशी में अयोध्या ही आ गए हों। दीपोत्सव के दिन भी दोपहर बाद राम, लक्ष्मण एवं सीता का स्वरूप बने मंचीय कलाकार हेलीकॉप्टर से लैंड करते हैं। मुख्यमंत्री समेत पूरी सरकार उनके स्वागत के लिए वहां मौजूद रहती है। इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आना तय है।
कान्हा उपवन के गोबर से बने 50 हजार दीये अयोध्या में होंगे जगमग अयोध्या दीपोत्सव में लखनऊ में गोबर से बने दीये भी जगमग होंगे। लखनऊ नगर निगम के कान्हा उपवन में इन दीयों को तैयार किया गया है। कान्हा उपवन फिलवक्त करीब दस हजार गोवंशीय पशु रहते हैं। इससे पूर्व भी कान्हा उपवन निर्मित गोबर से दीये, श्रीगणेश, लक्ष्मी की मूर्तियां दीपावली में बेचे गए थे। शुक्रवार यानि आज गोबर निर्मित पचास हजार दीये अयोध्या भेज दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त पचास हजार दीयों व गोबर से तैयार अन्य उत्पाद की बिक्री लखनऊ में होगी।
इस साल 15 लाख दीप जलाने का लक्ष्य दीपोत्सव की वजह से रामलला की अयोध्या की देश-दुनियां में जबर्दस्त ब्रांडिंग हुई। हर साल दीप प्रज्वलन का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। पहले दीपोत्सव 2017 में सरयू के घाटों पर जलने वाले दीपकों की संख्या 1.71 लाख थी। तो 2018, 2019, 2021 एवं 2022 में यह बढ़कर क्रमश: 3.01, 4.04 , 6.06 व 9.41 लाख रही। दीपों की संख्या के लिहाज से हर साल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। इस साल 15 लाख दीप जलाने का लक्ष्य है।
दीपोत्सव में कई देशों की रामलीला का मंचन दीपोत्सव के अवसर पर भगवान राम की स्वीकार्यता अलग-अलग देशों के रामलीला का मंचन करने वाले कलाकारों के जरिए दिखती है। स्थानीय कलाकारों को भी अपना फन दिखाने का मौका मिलता है। अब तक के पांच दीपोत्सव के दौरान इंडोनेशिया, श्रीलंका, त्रिनिदाद, रूस, लाओस, कम्बोडिया, नेपाल, फिलीपींस, फिजी, जम्मू कश्मीर, असम, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिमी बंगाल के रामलीला दल अयोध्या में अपनी परंपरा के अनुसार रामलीलाओं का मंचन कर चुके हैं।
दीपोत्सव की वजह से अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में इजाफा दीपोत्सव की वजह से हुई ब्रांडिंग की वजह से अयोध्या आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हुआ। मसलन 2017 में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 1,78,57,858 थी। 2018 में यह बढ़कर 1,95,63,159 हो गई। 2019 में यह संख्या 2,04,91,724 रही। 2020-2021 वैश्विक महामारी कोरोना का कालखण्ड था। लिहाजा इन वर्षों में क्रमश: 61,96,148 और 1,57,43,790 पर्यटक ही आये। 2022 में अगस्त तक अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या 2,21,38,805 रही। यह खुद में एक रिकॉर्ड है।
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