मंदिर की ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि सिंह द्वार से जैसे श्री प्रवेश करेंगे भगवान के दिव्या स्वरूप के दर्शन होंगे। दर्शन करते हुए 320 फीट अंदर प्रवेश करेंगे और भगवान का दर्शन कर बाई तरफ घूमेंगे और बाहर निकलेंगे फिर परकोटे के पास पहुंचेंगे और प्रसाद लेंगे यदि आप कबीर टीला जाना चाहते हैं तो अनुमति के बाद ही जाना संभव होगा।
नए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए परकोटे से प्रसाद वितरण की व्यवस्था की जाएगी। डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद मिल सके ऐसी व्यवस्था ट्रस्ट ने बनाई है। अन्य भक्त भी अपनी व्यवस्था अनुसार प्रसाद वितरण कर सकता है। उन्होंने बताया कि मंदिर तक पहुंचने वाली सभी सड़कों का निर्माण कार्य एक साथ चल रहा है।
राम जन्मभूमि पथ का निरीक्षण भी किया। प्रवेश द्वार केनोपी सुरक्षा उपकरण लगाने के कामों की प्रगति भी देखी। तथा श्रद्धालुओं से बातचीत भी की। डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि 20 दिसंबर तक यात्री सुविधा केंद्र भी तैयार हो जाएगा, भक्त अपने छोटे बैग लेकर जा सकेंगे यहां पर जूता चप्पल एवं अन्य सामान रखने की व्यवस्था होगी। भूतल का काम पूरा हो चुका है, 15 दिसंबर तक लाकर यहां फिट हो जाएगा तथा 1 जनवरी से टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। आगामी 22 जनवरी को होने वाले श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ट्रस्ट ने तैयारियां तेज कर दी है अयोध्या को दिव्य स्वरूप देने में प्रशासन ने कमर कस ली है।