35 हजार वालंटियर कार्यक्रम में हुए शामिल
अयोध्या में राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित कर रिकॉर्ड बनाने का सीएम ने ऐलान किया था। इसे देखते हुए हर बार की तरह इस बार भी डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने वालंटियर लगाए थे। 35 हजार वालंटियर में स्कूल-कॉलेज के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं से जुड़े लोग भी शामिल रहे। 27 अक्टूबर से 55 घाटों पर दीये बिछाने का क्रम शुरू हुआ। महज 72 घंटे के अंदर ही स्वयंसेवकों ने दीये सजाकर नया रिकॉर्ड अयोध्या की झोली में डाल दिया।
सरयू नदी के किनारे एक नया रिकॉर्ड बना
30 अक्टूबर की शाम को सरयू नदी के किनारे एक नया रिकॉर्ड बना। वह था, सरयू मां की आरती का। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से अयोध्या के प्रमुख साधु-संतों और 1,100 बटुकों का नाम आरती करने की सूची में शामिल किया था। तीन दिन तक आरती का ट्रायल भी किया गया था। दीपोत्सव वाले दिन सीएम योगी रामकथा पार्क से सरयू आरती स्थल पहुंचे। यहां न सिर्फ उन्होंने आरती की बल्कि 1,100 बटुकों ने एक ही रंग के वस्त्र धारण कर मां सरयू की आराधना की। 15 मिनट तक चलने वाली आरती के दौरान एक और नया रिकॉर्ड बन गया।
रिकॉर्ड बनाने का सर्टिफिकेट मिला
वालंटियर की तीन दिन की कड़ी परीक्षा के बाद जब घड़ी आई मुख्य रिकॉर्ड बनाने की तो उसमें भी वे पीछे नहीं रहे। 30 अक्टूबर की सुबह से ही दीयों में तेल और बाती डालने का काम शुरू कर दिया। शाम को 6 बजे के बाद जब दीप जलाने का कार्य शुरू हुआ। लगभग सवा घंटे में ही सारे दीप जला दिए गए। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के काउंटिंग करने के बाद अयोध्या को 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाने एक और नया रिकॉर्ड बनाने का सर्टिफिकेट मिल गया।
35 लाख श्रद्धालुओं के परिक्रमा करने का अनुमान
रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद अब रिकॉर्ड बनाने की बारी श्रद्धालुओं की थी, सो उन्होंने कर दिखाया। कार्तिक परिक्रमा मेले से पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच गए। 9 नवंबर की शाम 6.30 बजे परिक्रमा उठाने का मुहूर्त था, लेकिन उससे पहले ही श्रद्धालुओं में आस्था इस कदर बढ़ गई कि उन्होंने मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दी। 24 घंटे चलने वाली परिक्रमा में रात के समय ऐसी भीड़ पहुंची कि जिला प्रशासन भी दंग रह गया। दूसरे दिन परिक्रमा का समापन दोपहर बाद 4:44 बजे हुआ। 35 लाख श्रद्धालुओं के परिक्रमा करने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले कई वर्षों के मुकाबले कहीं अधिक रहा।
20 से 25 लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर पुण्य अर्जित किया
14 कोसी परिक्रमा के बाद अब बारी थी जिले वासियों की। माना जाता है कि 14 कोसी में बाहरी श्रद्धालु अधिक रहते हैं। पंचकोसी में शहरी अधिक शामिल होते हैं। 11 नवंबर को दोपहर 1.45 बजे के करीब के मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने परिक्रमा उठाई। रातभर मार्ग पर मेले जैसा माहौल रहा। सड़क के किनारे व्यापारियों की भी चांदी रही। दूसरे दिन सुबह 11 बजे के बाद परिक्रमा का समापन हुआ। एक अनुमान के मुताबिक, 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर पुण्य अर्जित किया है। बताया जाता है कुछ परिक्रमार्थी ऐसे भी थे, जिन्होंने 14 कोस की परिक्रमा करने के बाद पंचकोसी परिक्रमा भी की है।
योध्या में 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान
अयोध्या में 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान रहेगा। अब तक हुए मेले को देखते हुए जिला प्रशासन ने काफी प्रबंध कर रखे हैं। घाटों पर जल पुलिस और गोताखोरों को तैनात किया गया है। स्नान को ध्यान में रखते हुए चेंजिंग रूम भी बनवाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी बड़ी तैयारी की गई है। इसमें पक्का घाट पर आठ बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। 12 जगह पर अस्थायी स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। 15 स्थानों पर एम्बुलेंस तैनात की गई है। मेडिकल कॉलेज, जिला व श्रीराम अस्पताल मिलाकर 50 बेड रिजर्व कराया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरों से संदिग्धों पर नजर रखी जाएगी। महिला और पुरुष कर्मियों के अलावा जगह-जगह सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ‘मुख्यमंत्री योगी को जाता है नया कीर्तिमान स्थापित करने का श्रेय’
मेले पर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खास निगाह है, इसलिए मंडलायुक्त समेत जिले के समस्त अधिकारी अपनी चौकसी बनाए हुए हैं। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक सब कुछ ठीक है। इस बार परिक्रमा में पिछली बार से काफी अधिक भीड़ थी। आने वाले दिनों में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हनुमानगढ़ी के डॉ. देवेशाचार्य जी महाराज ने बताया कि प्रभु श्रीराम के प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से लगातार अयोध्या एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है।