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Ayodhya : ट्रस्ट पर एक और आरोप, राम मंदिर के नाम पर प्राचीन मंदिरों का आस्तित्व खत्म करने की साजिश

Allegation over Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust- रामालय ट्रस्ट के अविमुक्तेश्वरानंद के नेतृत्व में संतों ने खोला मोर्चा, पिटीशन दाखिल करने की तैयारी

अयोध्याJun 16, 2021 / 04:27 pm

Hariom Dwivedi

Allegation over Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (shri ram janmabhoomi teerth kshetra trust) पर अब एक और आरोप लगा है। रामालय ट्रस्ट के अविमुक्तेश्वरानंद के साथ अयोध्या के कुछ संतों का आरोप है कि रामलला परिसर (Ram Mandir) के विस्तार के नाम पर अयोध्या के प्राचीन मंदिरों का अस्तित्व खत्म करने की साजिश रची जा रही है। बिना सहमति प्राचीन मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। इस संबंध में ट्रस्टी भी भूमिका की जांच के लिए जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया। रामकोट में प्राचीन मंदिरों को तोडऩे के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी। निर्मोही अखाड़ा के वकील रंजीतलाल वर्मा को इसके लिए अधिकृत किया गया है।
Allegation over Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust
ट्रस्टी चम्पतराय व अनिल मिश्रा के खिलाफ जांच की मांग
रामलला परिसर के विस्तार के लिए अब तक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) ने फकीरे राम, कौशल्या भवन को खरीदा है। परिसर से सटी इमारतों में रह रहे लोगों को विस्थापित करने पर उन्हें अन्यत्र बसाने के लिए अयोध्या में कई स्थानों पर अतिरिक्त जमीन ट्रस्ट खरीद रहा है। रामालय ट्रस्ट के ट्रस्टी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का आरोप है कि ट्रस्ट भक्तों के पैसों में भ्रष्टाचार कर रहा है। महासचिव चम्पतराय व सदस्य अनिल मिश्र पर आरोप लगे हैं। इसलिए इन्हें जांच होने तक पद से निलंबित किया जाए।
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Allegation over Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust
तोड़े जा रहे रामकोट के प्राचीन मंदिर
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के साथ जुटे अयोध्या (Ayodhya) के कुछ संतों ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए कई वर्षों तक संतों ने संघर्ष किया। लेकिन जब राममंदिर बनने की बारी आयी तब राजनीतिक लोग आ गए। मंदिर बनाने के लिए भक्तों से लिए गए पैसे से पुराने मंदिर खरीदे जा रहे हैं। उन्हें तोडा़ जा रहा है। व्यासायिक जमीनें खरीदी जा रही हैं। इससे लाभ लिया जाएगा। अधिगृहीत मंदिरों की रक्षा के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की जाएगी। इसके लिए निर्मोही अखाड़ा के वकील रंजीतलाल वर्मा को अधिकृत किया गया है।

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