वहीं यह नागरिक संचालन के लिए मेड इन इंडिया भारत की पहली कमर्शियल एयरलाइन होगी। बताते चलें, कि डोर्नियर 228 विमानों का उपयोग अब तक केवल सशस्त्र बल ही करते हैं। डिब्रूगढ़ से पासीघाट व लीलाबाड़ी रूट पर 18 अप्रैल से इसकी नियमित उड़ान शुरू होंगी। वहीं हब स्टेशन के रूप में डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे के साथ विमान की सर्विस को अरुणाचल प्रदेश में तेजू, मेचुका, जीरो और टुटिंग तक बढ़ाया जाएगा।
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एचएएल के अनुसार, इस बहुमुखी विमान में शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग, Semi-Ready Runway से उतरने और टेक-ऑफ करने की क्षमता होती है। यह विमान सरकार की महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत उड़ान नामक क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे। इन दोनों विमानों को पिछले गुरुवार को एलायंस एयर को सौंप दिया गया था, जिनमें से एक डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर दिया गया है। जैसा कि हमनें बताया कि इन विमानों का इस्तेमाल पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के इलाकों में हवाई संपर्क मुहैया कराने के लिए किया जाएगा और इसमें चीन व म्यांमार सीमा के करीब के कुछ इलाके भी शामिल होंगे।