BH Series का मुख्य उद्देश्य
वाहनों के लिए BH Series नंबर प्लेट का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों की परेशानी को दूर करना है जिनके पास एक स्थानांतरणीय (Transferrable) नौकरी है। ऐसे लोगों को नौकरी के लिए अक्सर ही राज्य बदलने पड़ते हैं और मोटर व्हीकल अधिनियम 1988 की धारा 47 के तहत आवश्यक रूप से 12 महीने के अंदर अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन को नए राज्य के लिए स्थानांतरित करवाना पड़ता है।
झंझट से छुटकारा
BH Series रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों के मालिकों को स्थानांतरणीय नौकरियों के कारण नए राज्य में शिफ्ट होने पर अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन को नए राज्य में स्थानांतरित करने के झंझट से छुटकारा मिलता है।
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टैक्स
ऐसे वाहनों पर सरकार 2 साल के लिए या 2-4, 6 या 8 साल के मल्टीपल बेस पर टैक्स लगाएगी। वाहन का 14वां साल पूरा होने के बाद वार्षिक रूप से भी वाहन टैक्स लगाया जाएगा, जो पहले लगाए गए टैक्स की राशि का आधा होगा।
फॉर्मेट
BH Series का फॉर्मेट YY BH #### XX है। YY वाहन के रजिस्ट्रेशन के साल के लिए है, जबकि BH भारत सीरीज़ के कोड के लिए है। इसके बाद 0000 और 9999 के बीच के नंबर आते हैं और इसके बाद अक्षर आते हैं।
किसे मिल सकती है BH Series नंबर प्लेट?
नई BH सीरीज़ नंबर प्लेट हर व्यक्ति के लिए नहीं है। BH सीरीज़ रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन स्थानांतरणीय नौकरी ज़रूरी है। जैसे कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों या प्राइवेट सेक्टर में स्थानांतरणीय नौकरियों वालों को यह नंबर प्लेट जारी करते समय वरीयता दी जाएगी। प्राइवेट सेक्टर के लोगों के लिए कम से कम 4 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय होने ज़रूरी हैं , तभी उसमें काम करने वाले लोग इस सीरीज़ के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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कैसे मिलेगी BH सीरीज़ नंबर प्लेट?
BH सीरीज़ के लिए योग्य होने पर आप इसके लिए आवेदन कर सकते है। आवेदन करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways / MoRTH) के वेब पोर्टल पर लॉग ऑन करना पड़ता है। नया वाहन खरीदने पर डीलर लेवल पर भी यह आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए डीलर को वाहन मालिक की ओर से पोर्टल पर उपलब्ध फॉर्म 20 भरना होगा। प्राइवेट सेक्टर में इसके लिए फॉर्म 60 भरना पड़ता है। इस फॉर्म के साथ एम्प्लॉयमेंट (रोज़गार) आईडी और वर्किंग सर्टिफिकेट लगाना ज़रूरी होता है। प्रोसेस पूरा होने के बाद BH सीरीज़ के लिए रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाता है।