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68 साल के शी जिनपिंग इस दशक में चीन के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने देश में फैले भ्रष्टाचार और गरीबी के खिलाफ निर्णायक काम भी किया है। चीन की ताकत को दुनिया के सामने पेश करने के लिए शी जिनपिंग को व्यापक जनसमर्थन भी मिला है। युगांतकारी नेता घोषित होने के बाद शी जिनपिंग के खिलाफ बयानबाजी को चीन में अपराध की श्रेणी में डाला जा सकता है। ऐसे में उनके खिलाफ उठी हर आवाज को दबा दिया जाएगा। कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली में शी जिनपिंग को हीरो की तरह चित्रित किया जा रहा है।
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शी जिनपिंग से पहले रहे सभी राष्ट्रपति पांच साल के दो कार्यकाल या 68 साल की आयु होने के अनिवार्य नियम के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हालांकि, 2018 में संविधान में हुए एक अहम संशोधन के मद्देनजर शी जिनपिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने की संभावना है। सीपीसी की अगले साल होने वाली कांग्रेस से पहले पूर्ण सत्र आयोजित किया जा रहा है. कांग्रेस में नये नेता की नियुक्ति हो सकती है। शी को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारी दो कार्यकाल पूरा होने के बाद सेवानिवृत्त हो सकते हैं जिनमें प्रधानमंत्री ली क्विंग भी शामिल हैं।
शी जिनपिंग चीनी साम्यवादी पार्टी के एक पुराने नेता शी झोंगशुन के बेटे हैं। साम्यवादी पार्टी के अपने शुरुआती दौर में उन्होंने फ़ूज्यान प्रांत में काम किया। उसके बाद उन्हें पड़ोस के झेजियांग प्रांत का पार्टी नेता नियुक्त किया गया। इसके बाद शंघाई में चेन लियांगयू के भ्रष्टाचार के आरोपों पर सेवा से निकाले जाने पर उन्हें उस महत्वपूर्व क्षेत्र का पार्टी प्रमुख बनाया गया। शी भ्रष्टाचार पर अपने कड़े रुख़ और राजनैतिक व आर्थिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए दो टूक बातें करने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें चीनी साम्यवादी पार्टी के नेतृत्व की पांचवी पीढ़ी का प्रधान कहा जाता है।