रोहिंग्या संकट के आगे आएं दुनिया के लोगः बर्गनर
रखाइन क्षेत्र में म्यांमार सेना द्वारा बीते साल 25 अगस्त को आक्रामक कार्रवाई के बाद सात लाख से ज्यादा रोहिंग्या सीमा पार चले गए। सेना ने यह कार्रवाई रोहिंग्या विद्रोहियों के सरकारी चौकियों पर किए गए हमलों के बाद की थी। बर्गनर ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की, सेना प्रमुख, मिन आंग हलिंग और दूसरे सरकारी प्रतिनिधियों से दौरे के दौरान मुलाकात की। यह दौरा मंगलवार को शुरू हुआ और गुरुवार को समाप्त हुआ। बर्गनर ने म्यांमार से संकट की जांच के लिए एक विश्वसनीय जांच का आग्रह किया और स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यकर्ताओं के सहयोग की पेशकश की।
भारत में हैं 40 हजार मुसलमान
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस समय कुल 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश में 14,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी रहते हैं। बताया जाता है कि जम्मू-कश्मीर में करीब दस हजार रोहिंग्या हैं। समय-समय पर भारत में भी रोहिंग्या मुसलमानों को हटाने की मांग उठती रही है।
कौन हैं रोहिंग्या मुसलमान ?
दरअसल म्यांमार सरकार ने 1982 में राष्ट्रीयता कानून बनाया था जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों का नागरिक दर्जा खत्म कर दिया गया था। साल 2012 में म्यांमार के रखाइन क्षेत्र में सांप्रदायिक दंगें हुए। रोहिंग्या मुसलमानों और बौद्ध धर्म के लोगों के बीच हुए दंगे में 50 से ज्यादा मुस्लिम और करीब 30 बौद्ध लोग मारे गए थे। जिसके बाद से बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार छोड़ने पर मजबूर हुए।