एम4 जैसी नई यूएस-निर्मित राइफलें थामीं
आतंकवादियों को दुनिया भर के विशेष बलों द्वारा पहने जाने वाले वर्दी, जूते, शरीर के कवच में दिखाया गया है। ये पारंपरिक तालिबान सेनानी की शलवार कमीज, पगड़ी और सैंडल के विपरीत है। बद्री 313 के सैनिकों ने एम4 जैसी नई यूएस-निर्मित राइफलें पकड़ी हुई हैं। इसके साथ नाइट-विजन गॉगल्स भी हैं। जेन्स डिफेंस कंसल्टेंसी के मैट हेनमैन के अनुसार बद्री 313 तालिबान के भीतर सबसे अच्छे प्रशिक्षित लड़ाकों में से हैं। तालिबान अपने इन लड़ाकों को दिखाकर ये बताना चाहता है कि अब उसके सैनिक भी दुनियाभर के अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि बद्री 313 नाम 1400 साल पहले बद्र की लड़ाई के नाम पर पड़ा है। बद्र के युद्ध में पैगंबर मोहम्मद साहब ने मात्र 313 लड़ाकुओं की मदद से अपने शत्रु की सेना को हरा दिया था। ऑनलाइन कई तस्वीरों में तालिबान लड़ाके पकड़े गए बख्तरबंद हुमवे, विमान और अफगान राष्ट्रीय सेना द्वारा छोड़े गए हथियारों के साथ पोज देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
काबुल की सड़कों पर गश्त लगा रहे
विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबानी फाइटर जहां पगड़ी पहनकर युद्ध कर रहे हैं, वहीं बद्री बटालियन के कमांडो हेल्मेट और काला चश्मा पहने दिख रहे हैं। बद्री बटालियन के कमांडो ने सलवार कमीज की जगह पर वर्दी पहन रखी है। इन तालिबानियों ने लड़ाई में उपयोग किए जाने वाले जूते पहन रखे हैं। इन्हें देखकर कोई नहीं अनुमान लगा पाएगा कि ये तालिबानी हैं या किसी देश की सेना के कमांडो। अब ये तालिबानी काबुल की सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं।
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सुरक्षा का जिम्मा अब बद्री बटालियन के हाथों में होगा
अफगान मीडिया के अनुसार इन बदरी कमांडो को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि तालिबान का ‘राष्ट्रपति’ मुल्ला बरादर और अन्य नेता काबुल में रहने वाले हैं। उनकी सुरक्षा का जिम्मा अब बद्री बटालियन के हाथों में होगा। इस कारण बद्री बटालियन को यहां पर
तैनात किया गया है। गौरतलब है कि मुल्ला बरादर और अन्य तालिबानी नेताओं की जान खतरे में हैं। इन पर हमले का खतरा मंडरा रहा है।