कई युवा अफगान नागरिकों ने इसको लेकर अपना दर्द जाहिर किया। उन्होंने बताया कि जींस पहनकर ‘इस्लाम का अपमान’ करने के आरोप में उनकी पिटाई की जा रही है। यह भी पढ़ेँः
Kabul से करीब 80 लोगों को भारत ला रहा विमान, US की मदद से पूरा हुआ 200 भारतीयों को लाने का मिशन महिलाओं के लिए जहां तालिबान ने साफ कर दिया है कि वो बुर्का या हिजाब में से कोई एक विकल्प चुन सकती हैं, वहीं अब पुरुषों के लिए भी अब ड्रेस कोड तैयार हो रहा है। खास तौर पर पश्चिमी पहनावे को किसी भी कीमत पर अपनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
यही वजह है कि जींस पहनने पर भी पुरुषों की पिटाई की जा रही है। दरअसल, कुछ युवा काबुल में एक साथ घूमने के लिए निकले थे। जींस पहने इन युवाओं पर तालिबानी लड़ाकों की नजर पड़ गई। फिर क्या, इन लड़ाकों ने इन युवाओं को घेर लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी।
इस दौरान कुछ युवा मौका पाकर भागने में भी सफल हो गए, जबकि कुछ ऐसा नहीं कर सके।
दरअसल इन तालिबानी लड़ाकों का मानना है कि जींस से इस्लाम का अपमान होता है। तालिबानियों के हाथों पिटाई खाए युवाओं ने अपने इस दर्द को सोशल मीडिाय के जरिए बयां भी किया।
बता दें कि तालिबान ने काबुल पर कब्जे के साथ ही ये साफ कर दिया था वो अफगानिस्तान में इस्लामिक कानून लागू करे। काफी हद तक मुमकिन है कि सरकार के गठन करने के साथ ही तालिबान पारंपरिक परिधान को लेकर अपना आदेश लागू कर दे।
महिलाओं के लिए भी फरमान
अफगानी न्यूजपेपर Etilaatroz के मुताबिक एक पत्रकार की भी पारंपरिक अफगानी पोशाक नहीं पहनने पर तालिबानी आतंकियों ने पिटाई की थी। वहीं, कंधार में तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के लिए फतवा जारी किया है। इस फतवे में कहा गया है कि नेल पॉलिश लगाना प्रतिबंधित है।
यह भी पढ़ेंः अफगानिस्तान संकट पर G-7 देशों के नेता करेंगे वर्चुअल मीटिंग, ले सकते हैं बड़ा निर्णय क्या वाकई बदल गया तालिबान?तालिबान को लेकर कई देशों से लेकर राजनीतिज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बड़ी हस्तियों ने कहा था कि इस बार का तालिबान बदल गया है। यही नहीं तालिबानी नेताओं ने वीडियो जारी कर कहा था कि लोगों का सम्मान किया जाएगा, लेकिन एक हफ्ते के अंदर ही तालिबान का असली चेहरा सामने दिखने लगा है। शुरुआत पहनावे के साथ हो गई है, जो आगे चलकर कई और तालिबानी फरमान ला सकती है।