पाकिस्तानी स्टेट बैंक का दांव पड़ा उल्टा पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ा दिया है। इसका परिणाम उल्टा हुआ और इससे देश में मुद्रास्फीति और बढ़ गई। इससे निजी कंपनियों ने औद्योगिक विकास के नाम पर महंगा कर्ज उठाना बंद कर दिया है। इससे देश का औद्योगिक विकासदर भी कम हुआ।
पाक अर्थव्यवस्था की हालत बदतर रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में जनवरी माह में 12 साल की सर्वोच्च महंगाई दर रिकॉर्ड की गई थी। ये 14.6 फीसदी तक चली गई थी। बढ़ती कीमतों के जवाब में पाकिस्तानी स्टेट बैंक (SBP) ने ब्याज दरों को बढ़ाकर 13.25 फीसदी करा है। कोरोना वायरस के कारण मांग में कमी होने से मुद्रास्फीती में कमी देखने को मिल रही है। बैंक को भी ब्याज दरों में केवल तीन महीनों के भीतर 5.25 प्रतिशत की कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
ब्याज दर में कटौती की मांग व्यापार व औद्योगिक क्षेत्र ने जानकारों के अनुसार ब्याज दरों में कटौती होना चाहिए। अर्थव्यवस्था को 3-4 ट्रिलियन रुपये के अतिरिक्त निवेश की जरूरत है। आर्थिक मंदी के कारण देश में राजस्व संग्रह मेें भी काफी कमी देखने को मिल रही है। इससे सरकार के लिए इतने बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश करना असंभव हो गया है।
कम हो सकती है मुद्रास्फीती वर्तामान वर्ष में मुद्रास्फीति में और गिरावट आने के आसार नजर आ रहे हैं। स्टेट बैंक के पहले के 11 प्रतिशत के प्रोजेक्शन से नीचे फिसलकर 10.94 प्रतिशत हो गई। जून में ज्यादा गिरावट देने को मिल सकती है। गौरतलब है कि पाक सरकार ने दो महीने के अंदर पेट्रोलियम की कीमतों में तीन बार कमी की है। इसने उत्पादन और परिवहन की लागत काफी कम हुई है।