फजलुर रहमान ने इमरान सरकार के खिलाफ ‘आजादी मार्च’ में महिलाओं के शामिल होने पर लगाई पाबंदी
इसी कड़ी में जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल के प्रमुख फजलुर रहमा ने इमरान सरकार के खिलाफ ‘आजादी मार्च’ निकालने का ऐलान किया है, जिसे अब पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी (पाकिस्तान मुस्लीम लीग- नवाज) ने भी समर्थन देने का फैसला किया है।
बता दें कि 31 अक्टूबर को इमरान सरकार के खिलाफ आजादी मार्च निकालने का फैसला किया गया है। इससे पहले 27 अक्टूबर को यह मार्च निकाला जाना था, लेकिन फजलुर रहमान ने इसमें बदलाव करते हुए 31 अक्टूबर कर दिया।
शाहबाज शरीफ ने समर्थन पर जताया विरोध
नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन सफदर ने फजलुर रहमान से मुलाकात के बाद के जानकारी दी है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि नवाज का संदेश है कि हमें मौलाना फजलुर रहमान के के आजादी मार्च में शरीक होना है।
इमरान के खिलाफ विपक्ष का ‘आजादी मार्च’, फजलुर रहमान ने बताया सरकार के खिलाफ ‘जंग’
डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ ने रहमान के आह्वान को याद करते हुए कहा, ‘रहमान ने 2018 चुनाव के बाद इस्तीफे का आह्वान किया था, लेकिन हमने उन्हें ऐसा न करने को कहा था, अब मुझे लगता है कि उनकी बात में दम था। मौलाना के मार्च का समर्थन न करना भूल होगी।’
बता दें कि नवाज शरीफ ने इस बाबत भाई शाहबाज शरीफ को चिट्ठी लिखी है और कहा कि फजलुर रहमान के मार्च में को समर्थन दें। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि शाहबाज इस मार्च में पीएमएल-एन द्वारा समर्थन देने के पक्ष में नहीं हैं।
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