America के मना करने पर भी तुर्की ने किया S-400 का परीक्षण, एर्दोगान ने किया पलटवार लोगों का शक है कि इमरान सईद (Imran saeed) को कहीं अगवा तो नहीं कर लिया है। शुक्रवार की रात करीब 8 बजे वे घर के पास में मौजूद बेकरी तक गए थे और उसके बाद से नहीं लौटे। इसके बाद उनके परिवार वाले तनाव में हैं। इस घटना के बाद से प्रधानमंत्री इमरान की सरकार एक बार फिर से विवादों में घिर गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमरान सईद की कार उनके कराची स्थित घर के बाहर खड़ी है। यहां तक की उनका मोबाइल फोन घर पर मौजूद है। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस को पत्रकार के लापता होने के बारे में सूचना दे दी गई है। सिंध के सीएम मुराद अली शाह के अनुसार उन्होंने पुलिस से चर्चा कर निर्देश दिया है कि वह पत्रकार को खोजकर सामने लाएं।
अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला इस बीच पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान सरकार पर हमला बोला है। इमरान खान सरकार को पत्रकार के लापता होने को जिम्मेदार माना जा रहा है। पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो का कहना है कि पत्रकार का गायब होना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है।
Coronavirus: अमरीका-फ्रांस में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े, ब्रिटेन में लगाया लॉकडाउन गौरतलब है कि पाक में सेना और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स का सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे इनका योगदान बताया जा रहा है। वहीं देश के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का भी हाथ बताया जा रहा है।
गिरफ्तारी का दबाव दरअसल पाक सरकार और सेना हाल ही में कराची की घटना को लेकर कड़ी आलोचना का सामना कर रही है। नवाज शरीफ के दामाद की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के बाद सिंध प्रांत के आईजी के अपहरण से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अवाज उठने लगी है। इससे देश में बड़ा संकट दिख रहा है। सेना और पुलिस ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।