अफगानिस्तान ( Afghanistan ) ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ( Pakistan Army ) ने उसके आबादी वाले इलाके में रॉकेट हमला किया है। इस हमले में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ( Afghanistan Ministry of Defense ) ने इस बाबात कहा है कि अफगान सुरक्षा बलों को पाकिस्तानी सेना के हमलों का करारा जवाब देने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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अफगानिस्तान की न्यूज एजेंसी TOLOnews की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सेना ने कंधार के स्पिन बोल्डक जिले के आबादी वाले इलाके में रॉकेट हमला ( Pakistan Rocket Attack ) किया है। इस हमले में महिलाऐं और बच्चे भी मारे गए हैं।
अफगान सेना जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार
पाकिस्तान सेना की ओर से किए गए हवाई हमले के बाद अफगान सेना ( Afghan Army ) ने एक बयान जारी करते हुए जवाबी कार्रवाई के लिए अपने सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के लिए देश के सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल मोहम्मद यासिन जिया लेवी ( General Mohammed Yasin Jia Levi, Chief of the Armed Forces ) ने सभी सैन्य बलों, खासकर 205 अटल, 201 सलाब और 203 थंडर कैंपों को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश दिया है।
कार्रवाई के लिए सुरक्षाबलों को भारी हथियारों से लैस किया जा रहा है। ऐसी संभावना है कि बहुत ही जल्द अफगान सेना पाकिस्तान पर कोई बड़ी कार्रवाई कर सकती है। अफगान रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि मोहम्मद यासिन जिया के नेतृत्व में वायु सेना और विशेष बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
कार धमाके में 8 की मौत
आपको बता दें कि इस रॉकेट हमले से कुछ घंटे पहले ही अफगानिस्तान में गुरुवार देर शाम एक कार बम धमाके ( Car Bomb Blast ) को अंजाम दिया गया। इस धमाके में 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यह धमाका अफगानिस्तान के मध्य लोगार प्रांत ( Central Logar Province of Afghanistan ) में एक कार के जरिए अंजाम दिया गया।
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इस धमाके की जिम्मेदारी तालिबान ने नहीं ली है। मालूम हो कि ईद-उल-अजहा के पवित्र मौके पर तालिबान ने तीन दिन के लिए संघर्ष विरान की घोषणा की थी। अफगान सरकार ( Afghan Government ) ने इसका स्वागत भी किया था। राष्ट्रपति अशरफ गनी ( President Ashraf Ghani ) ने कहा था कि इससे शांति बहाली की प्रक्रिया में काफी मदद मिलेगी।