नेतन्याहू की यह यात्रा उस निर्धारित की गई है जब इजरायल के प्रधानमंत्री अपने देश में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हालांकि स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर उनको भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत अटॉर्नी जनरल द्वारा आरोपित किया जाता है, तो भी वह इस्तीफा नहीं देंगे। अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन आरोपों से इनकार करते हुए नेतन्याहू ने कानूनी प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सुनवाई से पहले उन्हें पीएम पद से हटने की आवश्यकता नहीं है।
नेतन्याहू को आगामी आम चुनावों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ये चुनाव निर्धारित करेंगे कि नेतन्याहू सत्ता में बने रहेंगे या नहीं। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ जिन्होंने बुधवार को यरूशलेम की यात्रा की, अमरीका के साथ नेतन्याहू के साथ मजबूत संबंधों का समर्थन किया और ईरानी “आक्रामकता” का मुकाबला करने की कसम खाई। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अगर नेतन्याहू चुनाव हार जाते हैं तो उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर.