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अफगानिस्तान में तालिबान को मान्यता दें या नहीं, इसको लेकर भारत वेट एंड वॉच की स्थिति में!

जब तक अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार थी, तब तक वहां भारत और अमरीका का दखल था, मगर अब वहां चीन और पाकिस्तान अपना दखल बढ़ाएंगे।
 

Aug 18, 2021 / 03:20 pm

Ashutosh Pathak

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नई दिल्ली।

तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभाल लिया है। पाकिस्तान, चीन और ईरान समेत कई देशों ने इसे मान्यता भी दे दी है, जबकि भारत इस पर अभी तक सटीक निर्णय नहीं ले पाया है। हालांकि, मौजूदा समय में यह हकीकत है कि अफगानिस्तान में अब तालिबान का शासन है। भारत अब धीरे-धीरे इस बात को समझने भी लगा है।
जब तक अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार थी, तब तक वहां भारत और अमरीका का दखल था, मगर अब वहां चीन और पाकिस्तान अपना दखल बढ़ाएंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में भारत को अफगानी लोग, जो हमारी ओर सहायता के लिए देख रहे हैं, उनको हरसंभव सहायता करनी चाहिए। भारत को न केवल अपने नागारिकों की रक्षा करनी चाहिए बल्कि, हमें उन सिख्त और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी शरण देनी चाहिए, जो भारत आना चाहते हैं। भारत अभी देखो और इंतजार करो की स्थिति में है।
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फिलहाल के लिए भारत तालिबानी शासन के तहत एक सरकारी ढांचे को औपचारिक रूप मिलने की प्रतीक्षा करेगा। अधिकारियों ने कहा कि वहां तेजी से बदलती स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि तालिबान में किससे संपर्क किया जाए। वैसे सुरक्षा मामलों में मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान मामले में अधिकारियों को अहम निर्देश दिए हैं। तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हो गए हैं।
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वहीं, विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और काबुल हवाई अड्डे के वाणिज्यिक संचालन के लिए खुलने के बाद उड़ान की व्यवस्था शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी के हालात को देखते हुए काबुल में दूतावास के कर्मचारियों को दो चरणों में भारत लाया गया। मंगलवार को राजदूत और अन्य सभी कर्मचारी दिल्ली पहुंच गए थे।

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