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India-China Face Off: भारत-चीन अधिकारियों ने की मुलाकात, गलवान वैली से सैनिकों के पीछे हटने और तनाव कम करने पर चर्चा

HIGHLIGHTS

भारत-चीन सैनिकों ( India China Army ) के बीच हुई हिंसक घटना से उत्पन्न तनाव को कम करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं ने पैट्रोल पॉइंट 14 ( Patrol Point 14 ) में मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की।
पिछले महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सैन्य अधिकारियों के बीच गुरुवार को सातवें दौर की बातचीत हुई, जबकि गालवान घाटी ( Galwan Valley ) में हुए संघर्ष के बाद दूसरी मुलाकात है।

Jun 18, 2020 / 07:57 pm

Anil Kumar

India-China border dispute

India-China Face Off: Indian, Chinese military officials meet to defuse tension in Galwan valley

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में सोमवार की रात भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक घटना से उत्पन्न तनाव को कम करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के उद्देश्य से लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भारतीय और चीनी सेनाओं ने पैट्रोल पॉइंट 14 में मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की।

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई। यह दोनों देशों द्वारा सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति को कम करने के प्रयासों का हिस्सा है। मंगलवार और बुधवार को भी गलवान घाटी के निकट दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता बेनतीजा रही थी।

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पिछले महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सैन्य अधिकारियों के बीच गुरुवार को सातवें दौर की बातचीत हुई, जबकि गालवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दूसरी मुलाकात है। इससे पहले छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी।

लेकिन 15 जून सोमवार की शाम को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। इस झड़प में भारतीय सेना के लगभग 18 जवान गंभीर रूप से घायल हो गये थे। वहीं चीन के भी 35 सैनिक मारे जाने की बात सामने आई, हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की।

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चीन ने यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास किया: MEA

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (18 जून) को कहा कि चीन ने सर्वसम्मति से गलवान घाटी से वापस जाने की बात कही थी लेकिन फिर यथास्थिति को बदलने के लिए ‘एकतरफा’ प्रयास किया। प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने पहले से ध्यान भटकाने और हिंसा भड़काने का काम किया। चीन को अपनी गतिविधियों को एलएसी के पार अपने तरफ करना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने आर्मी के बयान को दोहराते हुए कहा कि झड़प में कोई भी भारतीय सैनिक गायब नहीं है।

चीन ने सवालों के जवाब से किया किनारा

आपको बता दें कि गुरुवार को चीन ने भारतीय सैनिकों पर 15 जून को लोहे की छड़ों और कंटीली तार लगे डंडों से बर्बर हमला संबंधि सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। साथ ही साथ चीन-भारत सीमा पर गलवान नदी के प्रवाह को बाधित करने के लिए एक बांध बनाए जाने संबंधि सवाल का जवाब भी देने से मना कर दिया।

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दरअसल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ( Foreign Ministry spokesman Zhao Lijian ) से सोमवार रात गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में चीनी सैनिकों के हताहत होने को लेकर सवाल पूछा गया था, जिसपर उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया। झाओ से पूछा गया कि क्या चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर लोहे की छड़ों तथा कंटीली तार लगे डंडों से हमला किया और क्या भारतीय सैनिक चीन द्वारा बनाए जा रहे ढांचों को ध्वसत करने एलएसी पार कर पहुंचे थे। इस पर झाओ ने भारतीय सेना को दोषी ठहराया और चीन के आरोपों को दोहराया।

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