अब चीन अपनी धूर्तता का एक और रंग दिखा रहा है। दरअसल, चीन गलवान नदी पर बांध बनाने ( Build a dam on the Galwan River ) की कोशिश में जुट है, ताकि पानी के प्रवाह को रोका जा सके। चीन ने बुल्डोजरों के सहारे गलवन नदी के बहाव को बाधित करने की भी कोशिश में जुटा है। इसका खुलासा उपग्रह से ली गई कुछ तस्वीरों ( Satellite Images ) से हुआ है।
हालांकि जब ये बात सामने आई तो चीन की कलई खुल गई और गुरुवार को चीन ने इससे संबंधित किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। प्रेस ब्रिफिंग में जब इसको लेकर विदेश मंत्रालय से सवाल पूछा गया तो जवाब देने से इनकार कर दिया कि वह चीन-भारत सीमा ( India China Border ) पर गलवान नदी के प्रवाह को बाधित करने के लिए एक बांध बना रहा है।
चीन ने सवालों से किया किनारा
आपको बता दें कि गुरुवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प को लेकर सवाल पूछा गया तो उसने जवाब देने से इनकार कर दिया। झाओ से जब उन आरोपों के बारे में पूछा गया कि चीनी सैनिकों ने कर्नल संतोष बाबू और अन्य भारतीय सैनिकों पर लोहे की छड़ों तथा कंटीली तारों से बर्बर हमला किया गया, तो इसपर उन्होंने इसके लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहरा दिया और चीन के पुराने आरोपों को ही दोहराया।
बांध बनाने की मुझे जानकारी नहीं: चीनी प्रवक्ता
आपको बता दें कि उपग्रह से ली गई तस्वीरों से ये साफ पता चल रहा है कि चीन गलवान नदी के पानी को रोकने के लिए एक बांध बनाने की दिशा में काम कर रहा है। जब झाओ से उपग्रह से ली गई उन तस्वीरों के बारे में भी पूछा गया, जिसमें चीन गलवान नदी पर बांध बनाकर वहां का पानी रोकते हुए दिख रहा है और साथ ही यह भी पूछा गया कि क्या उसने भारत के साथ किसी समझौते का उल्लंघन किया है, तो इस पर उन्होंने कहा कि जिन बातों का जिक्र किया जा रहा है, उसकी जानकारी मुझे नहीं है।
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उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि भारतीय सेना ( Indian Army ) ने LAC पार की और यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने की कोशिश की। मालूम हो कि सोमवार को हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के 43 सैनिकों के मारे जाने की बात कही गई। हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर पर आंकड़ों की पुष्टि नहीं की।