अपने इस कदम के जरिये भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से जता दिया है कि जब तक वह आतंक को लकेर अपनी नीति में कोई ठोस परिवर्तन नहीं करता, तब तक भारत के लिए उसका कोई महत्व नहीं है। भारत उसको नजरअंदाज की अपनी नीति जारी रखेगा। बता दें कि सीमा शुल्क प्रमुखों की दो दिवसीय बैठक के दौरान 21 देशों के सीमा शुल्क प्रमुख आतंकवाद, हवाला और तस्करी जैसे अपराधों पर नकेल कसने के लिए एक आम रणनीति तैयार करने की कोशिश करेंगे। भारत ने इस मीटिंग के लिए पाकिस्तान को न्यौता नहीं भेजा। इस मीटिंग में दक्षिण, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिमी देशों और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।टरपोल के प्रतिनिधि, यूएन ऑफिस फॉर द ड्रग्स ऐंड क्राइम, और द वर्ल्ड कस्टम्स जैसी संस्थाएं भी इस बैठक का हिस्सा बनेंगी।
इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि इस दो दिवसीय बैठक में भारत पाकिस्तान से होने वाली तस्करी को उजागर कर सकता है। बता दें कि हाल में जम्मू-कश्मीर में हथियारों और ड्रग्स की बड़े पैमाने पर तस्करी का पर्दाफाश किया गया है। भारत में ये सभी सामान सरहद पार पाकिस्तान से आते हैं। इस मीटिंग में भारत अपनी चिंताओं को व्यक्त करेगा। बता दें कि यह पहली बार है 21 देशों के सीमा शुल्क प्रमुखों ने तस्करी और उससे जुड़ी परेशानियों से निपटने की रणनीति बनाने की सकारात्मक पहले की है।