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इस कारण देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। दक्षिण एशिया मीडिया के अनुसार हुआवेई ने अमरीका में मौजूद एक सॉफ्टवेयर कंपनी बिजनेस एफिशिएंसी सॉल्यूशंस एलएलसी के जरिए अहम जानकारियों को चुराया है और पाकिस्तानियों की जासूसी की।
बिजनेस एफिशिएंसी सॉल्यूशंस एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जो पाकिस्तानी सरकार के उपयोग के लिए संवेदनशील जानकारी को एकत्र करता है। हुआवेई ने एक परीक्षण के लिए संवेदनशील जानकारी को चीन की प्रयोगशाला में भेजने के लिए कहा है। साउथ एशिया प्रेस ने कहा कि सॉफ्टवेयर कंपनी का दावा है कि बीजिंग ने जानकारी और सॉफ्टवेयर टूल्स को अभी तक वापस नहीं करा है। इसके जरिए उसे पाकिस्तान के संवेदनशील डेटा तक पिछले दरवाजे से पहुंच प्राप्त हुई है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम है।
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चीन ने व्यावसायिक हितों को लेकर प्रयास में इजराइल के कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के समूहों को हैक करा था। चीन ने कई बार ईरान, सऊदी अरब और अन्य देशों में इसी तरह के साइबर हमले करे हैं। साइबर सुरक्षा फर्म फायरआई ने कहा कि बीजिंग अपने साइबर उपकरणों का उपयोग मध्य पूर्वी देशों की एक विस्तृत श्रृंखला की जासूसी के लिए करता है, जबकि सभी चीन के साथ व्यापार करते हैं।