बुधवार को हुई हिंसा के बाद अलर्ट पर हांगकांग का वित्तीय जिला
यही वजह है कि एहतिहात के तौर पर गुरुवार को सरकारी हेडक्वार्टर्स के पास उन जगहों से लोगों को हटाने का काम जारी है, जहां एक दिन पहले पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी। बता दें कि हांगकांग में प्रस्तावित इस बिल के अंतर्गत क्षेत्र के किसी भी संदिग्ध या अपराधी को हांगकांग सौंप दिया जा सकता है। विशेषज्ञों और प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इससे हांगकांग हमेशा के लिए चीन के अधीन हो जाएगा। यह एक तरह से चीन की आजादी पर खतरा है। बुधवार को हुए हंगामे के बाद इस बिल पर चर्चा टाल दी गई है। अभी तक हांगकांग के विधान परिषद (Legislative Council) ने डिबेट के लिए आगे की भी कोई तारीख निर्धारित नहीं की है।
हालांकि, लोगों के इतने विरोध के बावजूद भी सरकार अपना कदम पीछे लेने को तैयार नहीं है। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने जब अधिकारियों का रास्ता रोका तो पुलिस ने भी सख्त रवैया अपनाया। उन्होंने लोगों पर आंसु गैस के गोले और रबर बुलेट दागे। घंटेभर जारी हिंस के बाद रात को आखिरकार माहौल कुछ शांत हुआ। बता दें कि इस बिल के बाद चीनी प्रशासन कभी भी राजनैतिक या अनजाने में हुए व्यावसायिक अपराधों के चलते उन्हें अपने कब्जे में ले सकते हैं। इस कानून से शहर की अर्द्ध स्वायत्त (Semi-autonomous) कानून प्रणाली भी कमजोर होगी।
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मानवाधिकार समूहों का दावा
दूसरी ओर मानवाधिकार समूहों ने पुलिस पर प्रदर्शनकारियों पर ‘अत्यधिक बल’ के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। बता दें कि उक्त हिंसा में करीब 72 लोग जख्मी हुए हैं, जिनकी उम्र 15 से 66 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इनमें से दो आदमियों की हालत बेहद नाजुक है।
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हांग कांग नेता कैरी लैम का बयान
वहीं, इस हिंसा के बाद अपने संबोधन में हांगकांग की नेता कैरी लैम ने इस हिंसा को सोची-समझी साजिश का परिणाम बताया। आंसू भरे आंखों से कैरी ने कहा कि यह प्रदर्शन ‘संगठित दंगा’ का हिस्सा था। कैरी ने इस आरोप से भी इनकार किया कि उन्होंने हांगकांग को ‘बेचा’ है।