सत्ता बदले शुरू हो गई जांच अधिकारियों ने कहा कि नजीब पर वर्ष 2009 में उनके द्वारा स्थापित निधि से 70 करोड़ डॉलर यानी लगभग 4800 करोड़ रूपए गबन करने का आरोप है। एमएसीसी ने कहा कि नजीब को बुधवार को कुआलालंपुर अदालत में आरोपित किया जाएगा। मई में प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के हाथों हार का सामना करने के बाद से ही नजीब के खिलाफ जांच चल रही है। नजीब ने किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया है।
खुद बनाया विभाग और जमकर किया घोटाला बता दें कि नजीब ने 2009 में ‘1मलेशिया डेवलपमेंट बेरहद’ (1एमडीबी) निधि की स्थापना की थी। 1मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद एक मलेशियाई सामरिक विकास कंपनी है, जिसका पूर्ण स्वामित्व वित्त मंत्रालय के हाथ में है। पीएम पद छोड़ने के बाद नजीब रजाक 2016 तक इसके अध्यक्ष रहे थे। प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कार्यभार संभालने के बाद 1एमडीबी में अनियमितताएं मिलने पर इसके खिलाफ जांच का आदेश दे दिया। नजीब के नौ मई को सत्ता से हटने के तत्काल बाद उनसे पूछताछ की गई थी।
छापेमारी में मिली अथाह संपत्ति इससे पहले मलेशियाई सामरिक विकास कंपनी ने 1मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद (1एमजीबी) से जुड़ी जांच के संबंध में पुलिस ने रजाक के परिसरों से 22.6 करोड़ डॉलर की नकदी और 27.3 करोड़ डॉलर मूल्य के लक्जरी सामान जब्त किए थे। वाणिज्यिक अपराध जांच विभाग के प्रमुख ने बताया कि परिसरों से सोने से भरे 25 बैग, 12,000 आभूषण, 567 लक्जरी हैंडबैग, 423 घड़ियां और 234 सनग्लासेस के अलावा 26 मुद्राओं में मिली नकदी जब्त की गई। यह जब्ती छह परिसरों -पूर्व प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास और पुत्रजया स्थित कार्यालय, कुआलालम्पुर के तीन लक्जरी अपार्टमेंट और नजीब के निजी घर से हुई है।
रजाक की पत्नी से भी पूछताछ वहीं 5 जून को ‘भ्रष्टाचार निरोधक आयोग’ ने गबन और सरकारी निवेश निधि से धन निकासी के आरोपों में पूर्व प्रथम महिला से पूछताछ की। समाचार एजेंसी के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की पत्नी रोसमाह मंसूर के वकीलों ने कहा कि लगभग चार घंटे चली पूछताछ के दौरान उन्होंने जांचकर्ताओं को पूरा सहयोग किया। एक वकील ने कहा कि पूछताछ में रोसमाह ने पूरा सहयोग दिया और जांचकर्ताओं ने भी उनसे अच्छा व्यवहार किया।