उन्होंने कहा कि वे दो साल पहले अस्ताना में एक आम सहमति पर पहुंचे थे। ऐसे समय में जब दुनिया अधिक अनिश्चित है, तो दोनों के संबंध स्थिर रहने चाहिए। इस दौरान जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इससे पहले चीन के विदेश मंत्री से मिलने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी पहुंचे थे। उन्होंने चीन से समर्थन की मांग की थी।
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वुहान शिखर सम्मेलन का जिक्र किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी के बीच हुई 2018 में हुई शिखर बैठक का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि वुहान शिखर सम्मेलन के बाद वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच आम सहमति का विस्तार हुआ है। इससे वे बेहद खुश हैं। जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए इस साल के अंत में राष्ट्रपति शी की भारत यात्रा का भी जिक्र किया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री का दावा, कश्मीर मुद्दे पर चीन हर परिस्थिति में देगा साथ चीन की पहली यात्रा पर जयशंकर रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के साथ गहराए तनाव को लेकर ये बैठक काफी अहम है। इस मुलाकात के दौरान कश्मीर पर भी बातचीत होगी। गौरतलब है कि पद संभालने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर की चीन की ये पहली यात्रा है। हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर 2009 से 2013 तक चीन में भारतीय राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं। जयशंकर चीन के आलावा अमरीका, चेक गणराज्य राजदूत और सिंगापुर में उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार इंडो-चीन हाई लेवल मैकेनिजम (एचएलएम) की इस बैठक में दोनों देशों के बीच अधिक से अधिक तालमेल बनाए रखने के लिए पर्यटन, कला, फिल्मों, मीडिया, संस्कृति और खेल जैसे क्षेत्रों में बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही संस्कृति के आदान-प्रदान का एक बेहतर माध्यम साबित हो सकता है।
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