चीन की ओर से इसको लेकर लगातार बयान सामने आ रहे हैं। अब एक बार फिर से चीन ने भारत को धमकी भरे अंदाज में कहा है कि द्विपक्षीय सहयोग ( Bilateral Cooperation ) में कृत्रिम रुकावटों से भारत के हितों ( India’s interests ) को भी नुकसान पहुंचेगा।
चीनी विदेश मंत्रालय ( Chinese Foreign Ministry ) की ओर से शुक्रवार को एक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि बीजिंग भारत में चीनी कारोबार ( Chinese Business ) के अधिकारों की सुरक्षा के लिए हम जरूरी कदम उठाएंगे।
चीनी ऐप पर बैन WTO के नियमों का उल्लंघन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को न्यूज ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत-चीन को सीमाई ( India China Border Dispute ) इलाके में शांति कायम करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। इससे पहले, चीनी वाणिज्य मंत्रालय ( Chinese Ministry of Commerce ) ने भारत सरकार की ओर से चीनी ऐप्स को बैन किए जाने की कार्रवाई को भेदभावपूर्ण करार दिया था।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था ऐप्स को बैन करना विश्व व्यापार संगठन ( World Trade Organization ) के नियमों का उल्लंघन है। मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया था कि भले ही नई दिल्ली ने ऐसा कदम उठाया होस लेकिन बीजिंग भारतीय उत्पादों या भारतीय सेवाओं ( Indian products or Indian services ) को लेकर कोई प्रतिबंध या भेदभावपूर्ण कदम नहीं उठाएगा।
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मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने एक बयान में कहा कि चीन-भारत की सफल आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी ( Economic and Business Partnership ) दोनों पक्षों की सरकारों और एंटरप्राइजेज की कोशिशों का नतीजा है। इससे दोनों देशों के लोगों के हितों की पूर्ति होती है।
ऐप्स बैन करना भारत का राजनीतिक मकसद
चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ( Global Times ) ने अपनी एक रिपोर्ट में ये कहा कि भारत की ओर से चीनी ऐप्स बैन किए जाने से चीनी निवेशकों और कारोबारियों ( Chinese investors and traders ) का आत्मविश्वास कमजोर हुआ है। भारत के इस फैसले के पीछे राजनीतिक मकसद छिपा है। रिपोर्ट में आगे यह भी कहा कि भारत-चीन के बीच सीमा विवाद कई बार हुआ है, लेकिन दोनों देशों में आर्थिक युद्ध ( Trade War ) कभी नहीं छिड़ा था।
आपको बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) अचानक सुबह-सुबह लेह पहुंच गए और पूरे हालात का जायजा लिया। इस दौरान पीएम ने देश के वीर साहसी जवानों को संबोधित करते हुए चीन को साफ संदेश दिया कि अब विस्तारवादी युग खत्म हो चुका है। हम अपनी सीमा की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।