वहीं, चीन का सरकारी मीडिया इसे दोनों देशों के बीच दोस्ती में एक बड़ी उपलब्धि बता रहा है। इस युद्धपोत का निर्माण चाइना स्टेट शिप बिल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने किया है। कंपनी की ओर से एक बयान में कहा गया है कि इस युद्धपोत को चीन के शंघाई में हुए एक समारोह में पाकिस्तानी नौसेना को हैंडओवर कर दिया गया है।
पाकिस्तानी नौसेना ने चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को बताया है कि टाइप-054A/P युद्धपोत का नाम पीएनएस तुगारिल रखा गया है। चीन पीएनएस तुगारिल जैसे ही चार और युद्धपोत पाकिस्तानी नौसेना के लिए तैयार कर रहा है। यह युद्धपोत तकनीकी रूप से उन्नत और अत्यधिक सक्षम प्लेटफॉर्म माना जाता है।
इस युद्धपोत पर निगरानी की व्यापक क्षमता के अलावा जमीन से जमीन, जमीन से हवा और पानी के नीचे से मिसाइल दाग़ने की क्षमता होती है। नेटो चीन की इस टाइप-054A युद्धपोत को जियांगकाई-II के कोडनेम से पहचानता है। इसे चीन के हुडोंग-जोंघुआ शिपयार्ड पर बनाया जाता है। यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर्स का मिलन है। इसे 2008 में पहली बार चीन की नौसेना में शामिल किया गया था।
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पाकिस्तानी नेवी ने अपने बयान में इसे आधुनिक आत्मरक्षा क्षमताओं से भरपूर, अत्याधुनिक युद्ध प्रबंधन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस बताया है। नेवी ने अपने बयान में कहा और इस वजह से ये फ्रिगेट कई वाले माहौल में भी एक साथ कई नौसैनिक युद्ध अभियानों को अंजाम दे सकता है।