दरअसल, चीन ने ताइवान स्ट्रेट ( Taiwan Strait ) के पास युद्धपोतों और फाइटर जेट ( Fighter Jet ) को तैनात किया है। चीन लगातार ताइवान स्ट्रेट के पास युद्धाभ्यास कर रहा है। दुनियाभर के सैन्य विशेषज्ञों ने चीन की इस हरकत को देखते हुए चेतावनी दी है कि बीजिंग ( Bijing ) ताइवान पर कब्जे की तैयारी कर रहा है।
America की कार्रवाई से डरा चीन! South China Sea में अपनी सेना को गोली न चलाने का दिया आदेश
अब ताइवान पर चीन के इस बढ़ते खतरे को देखते हुए अमरीका ताइवान की मदद के लिए आगे आया है। अमरीका ने साउथ चाइना सी में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर USS रोनाल्ड रीगन ( Aircraft Carrier USS Ronald Reagan ) को भेजा है। इसके अलावा अमरीकी फाइटर जेट ने भी इस इलाके में उड़ान भरकर चीन को साफ संदेश दिया है कि किसी भी तरह के एक्शन पर कार्रवाई की जाएगी।
साउथ चाइना सी में अमरीका ने किया युद्धाभ्यास
आपको बता दें कि साउथ चाइना सी पर पूरी तरह से कब्जा को लेकर चीन लगातार कोशिश में जुटा है, लेकिन अब अमरीका ने अपने युद्धपोत और फाइटर जेट को तैनात कर दिया है। इससे अमरीका चीन में तनाव बढ़ गया है। अमरीकी युद्धपोत USS रोनाल्ड रीगन के नेतृत्व में कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ( Career Strike Group ) ने दक्षिण चीन सागर में जोरदार अभ्यास किया, इससे चीन में थोड़ा असहज हो गया है।
अमरीकी सेना ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इस अभ्यास का मकसद किसी भी विषम परिस्थिति में अपने सहयोगियों के साथ संयुक्त भागीदारी सुनिश्चित करना है। साथ ही साथ अपनी मारक क्षमता को भी बढ़ाना है। बयान में आगे कहा है कि इंडो-पैसफिक ( Endo-Pacific ) इलाके में स्वतंत्र और मुक्त आवागमन को बनाए के लिए भी यह जरूरी कदम उठाया गया है।
दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज करते हुए अमरीका लगातार अपने एयरक्राफ्ट कैरियर भेज रहा है। चूंकि चीन कोरोना महामारी ( Coronavirus Epidemic ) का फायदा उठाकर इसपर कब्जा करने की कोशिश में जुटा है। हाल के दिनों में कई ऐसे मौके आए हैं, जिससे चीन की मंशा स्पष्ट होती है। चीन लगातार तटीय इलाकों में अपने सैन्य ठिकानों की संख्या को बढ़ाने में जुटा है। ऐसे में अमरीका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है, जिसे लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है।
ताइवान के करीब 40 हजार चीनी सैनिक तैनात
बता दें कि चीन ताइवान पर अपना दावा करता है और उसपर कब्जा करने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। चीन ने ताइवान पर अधिक दबाव बनाने के लिए ताइवान स्ट्रेट के पास करीब 40 हजार सैनिक तैनात किए हैं। इसके लिए उसने दो मरीन ब्रिगेड बनाए हैं।
चीने साफ तौर पर धमकी दी है कि यदि राजनीतिक तौर पर ताइवान चीन का हिस्सा नहीं बनेगा तो सैन्य कार्रवाई के जरिए कब्जा कर लेंगे। बीजिंग के सैन्य विशेषज्ञ झोउ चेनमिंग ( Military Expert Zhou Chenming ) ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हालिया युद्धाभ्यास ताइवान सरकार को राजनीतिक चेतावनी है। वहीं हांगकागं के सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग का कहना है कि नंबर में होने वाले अमरीकी चुनाव से ठीक पहले चीन बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर सकता है और संभवतः कोई कार्रवाई भी कर सकता है।