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घटनास्थल पर उनकी प्रारंभिक तस्वीरों को देखकर पता चलता है कि उनके शरीर पर चोट के कई घाव थे। शव को पहले रेड क्रॉस को सौंपा गया और कंधार के एक अस्पताल में ले जाया गया। उस दौरान शव बुरी तरह से क्षत विक्षत था। यह दावा वहां मौजूद दो भारतीय और दो अफगानी स्वास्थ्य अफसरों ने करा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में मौजूदा भारतीय अफसरों और अफगानी स्वास्थ्य अफसरों की ओर से मुहैया कराई तस्वीरों का अध्ययन किया गया है। इसमें यह बात सामने आई है कि दानिश का शव बुरी तरह से क्षत विक्षत करा गया था। एक भारतीय अफसर का कहना है कि दानिश के शरीर पर गोलियों के एक दर्जन से अधिक निशान थे। इसके साथ ही चेहरे और सीने पर टायर के निशान भी थे।
कांधार में मौजूद एक स्वास्थ्य अफसर के अनुसार दानिश का शव शहर के मुख्य अस्पताल में रात 8 बजे पहुंच गया था। उस दौरान उनके शरीर पर प्रेस लिखी जैकेट थी। लेकिन उनका चेहरा पहचानना कठिन हो रहा था। इस दौरान वह समझ नहीं पाए कि दानिश के शव के साथ इतनी क्रूरता की गई है।
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वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दानिश के शव के साथ किसी तरह की क्रूरता से साफ इनकार किया है। उसका कहना है कि तालिबान के लड़ाकों को साफ संदेश दिए गए हैं कि वे किसी भी शव के साथ सम्मान से पेश आएं और उसे स्थानीय बुजुर्गों या रेड क्रॉस को सौंप दें।