इस बीच तालिबान पंजशीर घाटी (Panjshir) पर दस्तक दे दी है और कब्जा के लिए संघर्ष कर रहा है। वहीं देश छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर भारी संख्या में लोग जुटे हैं। सोमवार तड़के काबुल एयरपोर्ट के उत्तरी गेट पर गोलीबारी की घटना में एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। गोलीबारी की घटना के बाद वहां से अफगान सरकार के सुरक्षाबल भाग गए।
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हालांकि, कुछ हथियारबंद सुरक्षाबल अभी भी एयरपोर्ट पर मौजूद हैं और वहां से लोगों को निकालने की कवायद में जुटे पश्चिमी देशों व अन्य की मदद कर रहे हैं। फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है कि सुरक्षाबल के जो जवान एयरपोर्ट पर अभी भी तैनात हैं वे अफगान सुरक्षाबल के हैं या नहीं। इसके अलावा यह भी पता नहीं चल सका है कि पहले गोलीबारी किधर से की गई। इस घटना को लेकर न तो अमरीकी सेना और नाटो ने कुछ भी कहा है और न ही तालिबान ने इसकी पुष्टि की है।
जर्मनी के अधिकारियों एयरपोर्ट पर हुई गोलीबारी की पुष्टि करते हुए बताया कि सोमवार तड़के काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एक गेट पर गोलीबारी में अफगानिस्तान के कम से कम एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई। जर्मन सेना ने ट्वीट करते हुए बताया कि सोमवार को स्थानीय समयानुसार करीब पौने 7 बजे काबुल एयरपोर्ट पर हुई गोलीबारी में अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई है जबकि 3 अन्य घायल हो गए हैं।
पंजशीर पर तालिबान का कब्जा!
पंजशीर घाटी पर कब्जा के लिए भारी संख्या में तालिबानी लड़ाके पहुंचे गए हैं। लेकिन अभी संघर्ष थमा नहीं है। खुद को राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबील्ला मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है।
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वहीं, अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की योजना पंजशीर के लोगों से बात करने की है। उन्होंने कहा, ”अभी तक तो वहां लड़ाई नहीं हो रही। हम पंजशीर के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं। अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से इकलौता ऐसा राज्य है, जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है।
इससे पहले सोमवार को ही तालिबान ने बगलान प्रांत के तीन जिलों पर कब्जा कर लिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दावा किया है कि बगलान प्रांत के पुल-ए-हिसाल, बन्नू, देह सालेह जिलों को ‘दुश्मन’ के कब्जे से आजाद करवा लिया गया है। हालांकि, तालिबान के खिलाफ संघर्ष कर रहे नॉर्दर्न एलायंस ने इन जिलों को खाली करवा लिया था।