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तिलमिलाया हुआ तालिबान
अफग़ानिस्तान में आतंकी हमले बढ़ने की एक बड़ी वजह सैन्य वापसी और तालिबान से शांति समझौता का रद्द् होना भी है। दरअसल, चुनाव हारने से पहले ट्रम्प प्रशासन ने मई तक अफग़ानिस्तान से सैन्य वापसी की बात कही थी। इसके साथ ही तालिबान से शांति समझौता भी किया गया था। लेकिन अब बाइडेन सरकार ने समझौता रद्द कर दिया है। जिसकी वजह से तालिबान लगातर हमले करवा रहा है।
पाकिस्तान और चीन का अलग ही षड्यंत्र
पाकिस्तान और चीन अफग़ानिस्तान से नाटो सैनिकों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सैनिकों के हटते ही वे तालिबान के जरिए अफग़ानिस्तान की चुनी हुई सरकार को गिरा सकते हैं और इससे इस देश में हिंसा का नया दौर शुरू हो जाएगा।
मौजूद रहने चाहिए नाटो सैनिक
इन्हीं सब को देखते हुए अब अमेरिका के सहयोगी देशों ने बाइडेन सरकार से अनुरोध किया है कि अफग़ानिस्तान में मई के बाद भी नाटो सैनिक मौजूद रहने चाहिए। जानकारों का कहना है कि अगर अप्रैल और मई के बीच नाटो सैनिक यहां से चले जाते हैं तो यह देश भयानक हिंसा से घिर जाएगा। हालात, इस तरह के नहीं हैं कि यहां से सैन्य वापसी की जाए।
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कुछ दिन पहले भी हुआ था हमला
बता दें अफगानिस्तान में कुछ दिन पहले एक बड़ा बम धमाका हुआ था। इसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी भी तालिबानियों ने ली थी। आतंकियों ने नंगरहार के शिरजाद जिले में सेना के एक ठिकाने को निशाना बनाया था।