अजब-गजब परंपरा: गांव का दोष खत्म करने बालिका की कर रहे थे शादी, सभी को उठा थाने ले गई टीम
व्यक्ति पर पत्नी की हत्या का आरोप तो तीन साल से गांव में नहीं बजी सेहनाई।- ग्रामीण बोले गांव में तीन साल से नहीं हुई शादी, इसी लड़की की शादी से खत्म होना था शादी दोष।
अशोकनगर. गांव में पिछले तीन साल से सेहनाई नहीं बजी और तीन साल से शादी दोष बताते हुए लोग बच्चों को गांव से बाहर ले जाकर शादी करते थे। गांव के इसी दोष को खत्म करने 16 साल की बालिका का विवाह कराया जा रहा था। सूचना मिली तो प्रशासन की टीम गांव पहुंची और बालिका सहित आयोजकों को उठाकर थाने ले गई, साथ ही विवाह रुकवा दिया। हालांकि प्रशासन ने एक ही दिन में ऐसे ही चार अन्य बाल विवाह भी रुकवाए।
मामला शहर से सटे टकनेरी गांव का है। जहां गांव में तीन साल से शादी कार्यक्रम बंद हैं और 16 वर्षीय भागवती आदिवासी का विवाह कराया जा रहा था। जिसे हल्दी-मेंहदी लग चुकी थी और मंडप भी सज चुका था। शाम को बारात आना थी, लेकिन बाल विवाह की सूचना मिली तो प्रशासन की टीम गांव पहुंची और आयोजक व बालिका को उठाकर थाने ले गई। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में तीन साल से जारी दोष इस शादी से खत्म हो जाता और इसके बाद गांव में ही शादियां होना शुरु हो जातीं, लेकिन प्रशासन ने विवाह रोक दिया। अधिकारियों का कहना है कि बाल विवाह कानूनन अपराध है।
अजब रीति: इसी शादी के बाद समाज में शामिल होता परिवार-
ग्रामीणों ने बताया कि भागवती के चाचा पर उसकी पत्नी की हत्या का आरोप है और वह जेल में बंद है। इसी वजह से उसके परिवार को तीन साल पहले गांव व समाज से प्रतिबंधित कर दिया, इससे उसके घर कोई आता-जाता नहीं और गांव के हैंडपंप से भी उसे पानी नहीं भरने देते। इस परिवार द्वारा लड़की की शादी करने पर गांव का यह दोष खत्म होता और यह परिवार फिर से समाज में शामिल होता। भागवती के माता-पिता नहीं है और चाचा जेल में है, इसीलिए ताऊ उसकी शादी करा रहा था।
50 हजार में खुद को गिरबी रख भाई-बहिन की कर रहा था शादी, रुका विवाह-
टकनेरी गांव में ही 18 वर्षीय हेमंत व उसकी 16 वर्षीय बहन रुकमणी की एक ही दिन शादी की तैयारी थी, गांव में शादी नहीं होती इसलिए भाई-बहिन को दूसरे गांव ले जाने की तैयारी थी। बाल विवाह की जानकारी मिली तो प्रशासन की टीम दोनों भाई-बहिन को उठाकर थाने ले गई। साथ ही उनके पीछे उनके रिश्तेदार भी ऑटो से थाने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि हेमंत के बड़े भाई ने 50 हजार रुपए में एक साल के लिए खुद को गिरबी रखा है और उस पैसे से वह अपने छोटे भाई-बहिन की शादी कर रहा था, लेकिन किसी ने शिकायत कर दी तो प्रशासन ने विवाह रुकवा दिया, हालांकि ग्रामीण यह मानने के लिए तैयार नहीं कि बाल विवाह पर रोक है।
यह भी खास-
– प्रशासन की टीम ने क्षेत्र में जहां सोमवार को चार नाबालिग जोड़ों के विवाह रुकवाए थे, वहीं मंगलवार को पांच जोड़ों के बाल विवाह रुकवाए गए, जिनकी मंगलवार को ही शादी होना थी।
– जिनमें से चार नाबालिग तो टकनेरी गांव में ही मिले, जिनकी मंगलवार को शादी होना थी, वहीं शहर की यादव कॉलोनी में भी 15 वर्षीय लड़की की शादी चल रही थी, जिसे रुकवाया।
– प्रशासन की टीम बाल विवाह रोकने पहुंची तो ग्रामीणों ने विभिन्न समस्याएं बताकर कम उम्र में शादी करने की मजबूरी बताई, लेकिन टीम ने समझाया कि बाल विवाह नहीं कर सकते हैं।
स्पीक आउट-
तीन साल पहले नरेश ने उसकी पत्नी को मार दिया था, तब से उसका परिवार गांव व समाज से प्रतिबंधित है और उस परिवार सार्वजनिक हैंडपंप से पानी नहीं भरने देते। तभी से गांव में शादी भी बंद हो गईं। इससे उसका परिवार लड़की की शादी कर रहा था, लेकिन प्रशासन की टीम ने शादी रोक दी।
उर्मिलाबाई, ग्रामीण
हेमंत की शादी थी, उसकी बहन की नहीं कर रहे थे। शादी के उन्होंने किस तरह तो पैसा जोड़ा, गांव में शादी नहीं होती तो दूसरे गांव ले जा रहे थे, लेकिन किसी ने शिकायत कर दी तो अधिकारी भाई-बहिन को उठा ले गए। इससे शादी रुक गई है।
सावित्रीबाई, रिश्तेदार
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