उधर, उपचुनाव में माइलेज के लिए ट्रांसफार्मर बदले जाने का श्रेय लेने की होड़ मच गई। जनप्रतिनिधियों, सत्ताधारी व विपक्षी दल के कद्दावर नेताओं को इस एक अदद ट्रांसफार्मर बदलवाने का श्रेय उनके समर्थक सोशल मीडिया पर देकर गदर काटने लगे। सब अपने अपने नेता को इसका श्रेय देते और दूसरे का मजाक।
नेताओं का सोशल मीडिया पर श्रेय लेने की होड़ उस वक्त मजाक बन गया जब गांववालों ने कहा कि वे लोग चालीस हजार रुपये जमाकर ट्रांसफार्मर बदलवाए हैं।
बहरहाल, गांववालों ने घाटबमूरिया गांव का ट्रांसफार्मर चंदा लगाकर बदलवा लिया है। परंतु गर्मी में उपचुनाव की तपिश सियासी माहौल को और गर्म किए है। हर पैंतरा अपनाकर समर्थक व नेता खुद को येनकेन प्रकारेण अपना हितैषी जतलाने में जुटे हुए हैं।
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