कृषि विभाग के मुताबिक खाद की रैक से जिले को 1975 मीट्रिक टन डीएपी मिला है. इसमें से 1450 मीट्रिक टन सरकारी खाद गोदामों को दिया गया है। इनमें अशोकनगर को 800 मुंगावली को 400 और पिपरई खाद गोदाम को 250 मीट्रिक टन डीएपी दिया गया है। वहीं 525 मीट्रिक टन निजी खाद डीलरों को दिया है। सुबह से किसान एनपीके व यूरिया लेने पहुंच रहे थे, दोपहर में डीएपी से भरे ट्रक आना शुरू हुए तो किसान अपने वाहन लेकर गोदाम पर पहुंच गए व भीड़ लग गई। पर्ची बनवा कई किसान सीधे ही ट्रक से डीएपी उतारने की मांग करते नजर आए। परिसर व गेट पर कीचड़ होने से दिनभर वाहन फंसते नजर आए और खाद से भरा ट्रक फंसने से पूरा रास्ता बंद हो गया।
एक हेक्टेयर जमीन पर दे रहे दो बोरी डीएपी
किसानों को आसानी से खाद उपलब्ध हो सके इसके लिए खाद गोदाम पर काउंटरों की संख्या बढ़ाई गई है। शहर में चार काउंटर मुंगावली व पिपरई में दो.दो काउंटरों पर वितरण किया जा रहा है। शहर की खाद गोदाम पर एक हेक्टेयर जमीन पर दो बोरी डीएपी और ज्यादा रकबे पर अधिकतम 15 बोरी खाद दिया जा रहा है। हालांकि किसानों का कहना है कि छोटे किसानों के लिए तो मात्रा पर्याप्त है लेकिन बड़े रकबे वाले किसानों को अधिकतम 15 बोरी मिलने से कई बार आना पड़ेगा।
दो सप्ताह में 7 दिन के अंतर से दो रैक की संभावना
कृषि विभाग के मुताबिक जिले में अभी 1975 मीट्रिक टन डीएपी, 1400 मीट्रिक टन यूरिया और 2500 मीट्रिक टन एनपीके खाद उपलब्ध है। वहीं दो सप्ताह में सात.सात दिन के अंतर से डीएपी की दो रैक आने की संभावना है। कृषि उपसंचालक केएस केन का कहना है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है 5 अक्टूबर से पहले डीएपी की एक रैक और आ जाएगीए इसके सात दिन बाद दूसरी रैक आ जाएगी। वहीं यूरिया की भी रैक आना है।