अनूपपुर

छग से आए बाघ और हाथियों ने बढ़ाई दहशत, रातभर सो नहीं पा रहे ग्रामीण

अनूपपुर. जिले में दो हाथियों और टाइगर के निरंतर विचरण से अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में दिन काट रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण रात-रात भर जाग कर अपने टोला, मोहल्ला एवं गांव पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। वहीं प्रशासन एवं वन विभाग भी […]

अनूपपुरJan 16, 2025 / 11:59 am

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. जिले में दो हाथियों और टाइगर के निरंतर विचरण से अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में दिन काट रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण रात-रात भर जाग कर अपने टोला, मोहल्ला एवं गांव पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। वहीं प्रशासन एवं वन विभाग भी प्राकृतिक तौर पर विचरण कर रहे वन्यप्राणियों को आबादी वाले क्षेत्र से दूर करने निगरानी दल के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की समझाइश दे रहे हैं। पुष्पराजगढ़ तहसील एवं अमरकंटक वन परिक्षेत्र में 2 दिसंबर को आयी बाघिन कुछ दिनों तक ग्राम पंचायत लपटी के मेढाखार के आबादी वाले क्षेत्र में भैंस के बच्चे का शिकार कर कुछ दिन ठहरने के बाद छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के विभिन्न अंचलों में विचरण करते हुए छग वापस चली गई थी। उसे चिरमिरी के हल्दीबाड़ी में वनविभाग ने रेस्क्यू कर कॉलर आईडी पहनाकर अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ा गया। कुछ दिन वहां रहने बाद 8-10 दिन पूर्व अमरकंटक क्षेत्र के जलेश्वर एवं उमरगोहान इलाके के जंगल में पहुंच गई। वहां से जैतहरी, अनूपपुर वन परिक्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में निरंतर विचरण कर रही है। इन गांवों के आसपास दिखी बाघिन मादा टाइगर को देर रात आबादी वाले क्षेत्रों ग्राम पंचायत ताराडांड के बैरहनीटोला, ताराडांड तिराहा, ग्राम पंचायत लखनपुर के पचडीपानी आदि क्षेत्रों में देखा गया। वहीं ग्राम पंचायत लखनपुर के अगरियानार क्षेत्र में जंगल के बीच बसे ग्राम पचडीपानी के बैगा बाहुल्य बस्ती में सोमवार की रात मादा टाइगर पहुंचकर फूल सिंह बैगा के एक माह के बछड़े को घसीट कर बरमसिया की ओर ले गई। ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर यह आगे की ओर चली गई।
क्षेत्र में 22 दिनों से विचरण कर रहे हाथी

विगत 22 दिनों से छत्तीसगढ़ से आए हाथी वन परिक्षेत्र जैतहरी के ग्राम गोबरी स्थित जंगल में दिन में ठहरने के बाद देर रात होने पर गोबरी, पगना, बांका ठेंगश्रहा, गोसरी के भदराखार टोला, मोहल्ला में पहुंचकर ग्रामीणों के घरों में तोडफ़ोड़ कर घरों के अंदर रखे तथा खेतों में लगे विभिन्न प्रजाति के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं। दोनों वन्यप्राणियों की निरंतर उपस्थिति एवं विचरण के कारण क्षेत्र के साथ अनेकों ग्रामों के ग्रामीण डरे एवं सहमे हुए हैं। वहीं जिला प्रशासन एवं वनविभाग गश्ती दल का गठन कर ग्रामीण एवं ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने के संबंध में मुनादी एवं अन्य माध्यमों से सजक किया जा रहा है। सोमवार देर रात दोनों हाथियों ने गोबरी पंचायत के ठेंगरहा एवं भदराखार टोला में तीन ग्रामीणों के घरों में तोडफ़ोड़ एवं 6 ग्रामीणों के खेतों में लगी फसलों को अपना आहार बनाते हुए मंगलवार की सुबह फिर से गोबरी के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं।

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