जन नायक बिरसा मुंडा के संदेशों को जीवन में ग्रहण करें युवा
आईजीएनटीयू में बिरसा मुंडा जयंती पर समारोह आयोजित, प्रतिमा पर पुष्पांजलि की अर्पित
जन नायक बिरसा मुंडा के संदेशों को जीवन में ग्रहण करें युवा
अनूपपुर। आदिवासी जन नायक बिरसा मुंडा की जयंती पर १५ नवम्बर शुक्रवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें जनजातीय समुदाय के विकास का प्रेरक बताया गया। इस अवसर पर जनजातीय समुदाय के छात्रों का आह्वान किया गया कि वे स्वयं के जीवन का लक्ष्य तय कर उसे पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। मुख्य अतिथि पीआर मीना का कहना था कि जनजातीय समुदाय में शिक्षा के प्रसार के माध्यम से गरीबी को हटाने की आवश्यकता है। उन्होंने 5वीं अनुसूची के अनुरूप जनजातियों के विकास पर जोर देते हुए कहा कि नीति निर्धारण में भी जनजातियों की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए। जिससे विकास में उनकी निरंतर प्रतिभागिता बनी रहे। लिंग्विस्टिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो. पंचानन मोहंती का कहना था कि देश में बहुभाषी समाज को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। बिरसा मुंडा ने अपना जीवन देश को समर्पित कर स्वयं को एक नायक बना दिया। अब जनजातीय समुदाय को उनकी भावना के अनुरूप आगे बढऩे की आवश्यकता है। उन्होंने जनजातीय समुदाय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा का पाठ्यक्रम बनाने पर जोर दिया। कुलपति प्रो. टीवी कटटीमनी का कहना था कि जनजातीय समुदाय जल, जंगल और जमीन के सेवक और रक्षक के रूप में स्वयं को मानता रहा है। ऐसे में उसके पास स्वामीत्व का कोई रिकार्ड नहीं रहा। उनके अधिकार हमेशा बने रहे। प्रो. प्रसन्ना कुमार सामल ने कहा उन्होंने जल, जंगल और जमीन पर जनजातियों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर पूरे समाज के लिए आदर्श प्रस्तुत किया। इससे समाज के प्रति उनकी चेतना भी प्रतिविंबित होती है। इससे पूर्व मुख्य प्रवेश द्वार पर लगी जननायक बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर कुलपति प्रो. टीवी कटटीमनी और अन्य शिक्षकों ने पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय, प्रो. दिलीप सिंह, डॉ. एस.के. पांडेय सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे।
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