गांव निवासी मजदूर पत्नी, दो बेटी व एक बेटे के साथ किराए के मकान में रहता था। उसकी बड़ी बेटी 14 साल की है। मजदूर शराब पीने का आदी था। उसने बड़ी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पत्नी की गैर मौजूदगी में कई महीने तक शारीरिक संबंध बनाए। इस बीच किशोरी छह महीने की गर्भवती हो गई। जिस पर आरोपी पिता ने दवा खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया। पति की हरकतों को देख किशोरी की मां ने यह बात मायके वालों को बताई। मौके पर पहुंचे मायके वालों ने देखा कि गर्भपात के बाद छह महीने की भ्रूण पॉलिथीन में रखा था। पिता की करतूत देखकर हर कोई अचंभित रह गया।
मामले में किशोरी के मामा ने 22 अप्रैल 2024 को आरोपी पिता के खिलाफ दुष्कर्म, गर्भपात कराने, धमकी देने और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। बाद में पुलिस ने आरोपी पिता को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। इस मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो एक्ट प्रथम डॉ. कपिल राघव की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजन रतनलाल लोधी पैरवी कर रहे थे। न्यायालय में इस मुकदमे को लेकर पांच महीने 18 दिन सुनवाई चली। शनिवार को न्यायालय ने आखिरी सुनवाई की और साक्ष्यों व सबूतों के आधार आरोपी पिता को दोषी करार दिया। साथ ही उसे उम्रकैद की सजा सुनाई और 60 हजार जुर्माना लगाया है।