करतारपुर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं ने साझा की यात्रा की सुनहरी यादें, जानिए किसने कया कहा?…
पत्रिका ने कई श्रद्धालुओं से बात की तो उनकी पीड़ा छलक उठी। 75 साल की कुलवंत कौर पंजाब के उन हजारों सिख श्रद्धालुओं में से एक हैं, जिनके पास पासपोर्ट नहीं है। इसलिए उन्होंने डेरा बाबा नानक से ही दर्शन किए। जसवीर कौर का कहना है कि मेरे पति के पास पासपोर्ट की वजह से वह तो दो बार करतारपुर साहिब हो आए हैं, लेकिन अब मैं भी चाहती हूं कि पासपोर्ट बनवाकर दर्शन कर लूं।
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फिरोजपुर से दर्शन के लिए डेरा बाबा नानक पहुंचे एक अन्य श्रद्धालु बोर सिंह जी तूतांवाले का कहना है कि जब तक पासपोर्ट की शर्त लगी रहेगी है तब तक दर्शन अधूरे हैं। इसके चलते ज्यादातर लोग करतारपुर साहिब नहीं जा पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि करतारपुर कॉरिडोर खुल गया है। लेकिन पासपोर्ट की जो शर्त लगाई गई है वह सही नहीं है। कॉरिडोर खुलने का असली फायदा तभी मिलेगा, जब हमसे पासपोर्ट न मांगा जाए। हमारे आधार कार्ड और दूसरे परिचय पत्र के आधार पर ही गुरुद्वारे के दर्शनों की इजाजत मिलनी चाहिए।