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अमृतसर

जम्मू-कश्मीर व पाकिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ बन रहा अमृतसर

पहले भी हो चुके हैं कई खुलासे, एनआईए कर रही कई मामलों की जांच

अमृतसरJun 12, 2020 / 04:10 pm

Bhanu Pratap

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आतंकवादियों से बरामद हथियार

अमृतसर। पंजाब का अमृतसर अब जम्मू एवं कश्मीर में बैठे आतंकवादियों के लिए हथियारों की सप्लाई का गढ़ बनता जा रहा है। गुरुवार को अमृतसर जम्मू कश्मीर हाईवे पर पकड़े गए हथियारों से भरे ट्रक में पकड़े गए आरोपी आमिर और वसीम की गिरफ्तारी के साथ हुए खुलासों से पता चलता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सरहद पार से पंजाब के अमृतसर से कश्मीर में हथियारों की खेप की तस्करी और आतंकवादियों की घुसपैठ कर रहा है।
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क्या हुआ खुलासा

आमिर हुसैन वानी ने खुलासा किया है मैं अमृतसर से जम्मू कश्मीर के लिए पहले भी चक्कर लगा चुका है। उसने अपने ट्रक में पंजाब के लगाए पिछले चक्करों के दौरान 20 लाख से अधिक की हवाला राशि भी एकत्रित की थी। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता इस मामले में बड़े खुलासे करते हुए बताया कि पूछताछ में आतंकियों ने बताया कि पहले से तय योजना के मुताबिक वह अमृतसर की सब्जी मंडी के नजदीक मकबूलपुरा-वाला रोड पर पहले से तय की गई जगह पर पहुंच गए, जहां पर गुरुवार सुबह दो अनजान व्यक्तियों से यह खेप प्राप्त की। इन दोनों ने खेप को ट्रक में छिपा दिया और दिखावे के लिए उसमें सब्जी-फल भर लिए। हथियारों की सप्लाई पाकिस्तान से अमृतसर बॉर्डर पर हुई। कैसे हुई किसी को पता नहीं, बस इतना पता था कि अमृतसर से हथियार कश्मीर घाटी ले जाए जाने थे। आतंकियों से पूछताछ में सामने आया कि इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व कांस्टेबल इशफाक अहमद डार उर्फ बशीर अहमद खान ने उन्हें पंजाब से इन हथियारों की खेप लाने के लिए कहा था। यह पूर्व कांस्टेबल 2017 से फरार है और मौजूदा समय में घाटी में लश्कर का सक्रिय आतंकी है। इसके लिए उन्हें पूर्व कांस्टेबल डार और डॉ. रमीज राजा ने जगहें बताई थीं। रमीज राजा इस समय आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जम्मू-कश्मीर की जेल में बंद है।
पहले दो बार आ चुका है वानी

आमिर ने यह भी खुलासा किया कि अमृतसर की पिछली यात्राओं के दौरान उसने दो हथियारबंद हिजबुल मुजाहीदीन और लश्कर के आतंकवादियों को पंजाब से कश्मीर पहुंचाया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि अमृतसर पाकिस्तान का आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ बनता जा रहा है संयोगवश, अब वे दोनों मर चुके हैं। उनकी पहचान आमिर द्वारा हिजबुल मुजाहीदीन के सद्दाम अहमद पड्डर निवासी हैप जिला पुलवामा और लश्कर के जासिम अहमद शाह निवासी मलनार जिला पुलवामा के तौर पर की गई। जासिम शाह को काफी समय पहले गुरदासपुर बाईपास बटाला के नजदीक एक कश्मीरी होटल से एके-47 और ग्रेनेड सहित काबू किया गया था।
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25 अप्रैल को गिरफ्तार हुआ था हिलाल

इससे पहले 25 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के आतंकियों के एक अन्य सहयोगी हिलाल अहमद वागे को गिरफ्तार किया था। वह पिछले दिनों मारे गए हिजबुल मुजाहीदीन के कमांडर रियाज अहमद नायकू के निर्देश पर अमृतसर से ड्रग मनी लेने के लिए आया था। हिलाल अहमद ने ड्रग मनी ले जाने के लिए एक ट्रक का इस्तेमाल किया था। और इससे पहले भी एक हत्यारों से भरा ट्रक पठानकोट से जम्मू जाते हुए पकड़ा गया था। साफ है कि पिछले दिनों पाकिस्तान की ओर से ड्रोन से आए हथियार और ऐसी कई गतिविधियां पंजाब की इन सरहदों पर दिखाई दे रही हैं, जिनकी एनआईए जांच कर रही है।

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