शुक्रवार को आरिफ ने अपने यूट्यूब चैनल पर आकर बात की है। उन्होंने कहा, “करीब एक साल हो गया जब खेत में उनको ये सारस मिला था। मुझे लगा कि इस घायल पक्षी की मदद करनी चाहिए। मैंने उसकी मरहम पट्टी की। इसके बाद पक्षी हमारे से एक प्यार जताने लगा। इसका नतीजा ये हुआ कि धीरे-धीरे सारस की मुझसे दोस्ती हो गई।”
आरिफ ने आगे बताया, “सारस का मेरे साथ घूमना-फिरना लगातार चल रहा था। एक दिन मैं कुछ सामान लेने बाइक पर जा रहा था और सारस मेरे पीछे-पीछे उड़ रहा था। अपनी कार से एक चैनल का रिपोर्टर जा रहा था। उसे ये अजीब लगा कि कैसे इतना बड़ा पक्षी लगातार बाइक के साथ उड़ रहा है। उसने कुछ वीडियो बनाई और अपने चैनल पर चला दी।”
फिर तो रातोंरात सारस वायरल हो गया
आरिफ कहते हैं कि लाखों लोगों ने मेरे साथ सारस का ये वीडियो देखा। इसके बाद तो लगातार ना सिर्फ लोकल रिपोर्टर बल्कि अंग्रेजी मीडिया तक मेरे गांव आने लगी। यही सब चल रहा था कि एक दिन वन विभाग के लोग आए और बोले सारस को लेकर जाना होगा। सारस को घर में रखना कानून के खिलाफ है। इसके बाद तो आप सब जानते ही हैं कि कैसे उसको पहले रायबरेली और फिर कानपुर से जाया गया।
निकाय चुनाव: इमरान मसूद से तगड़ा झटका उनके भाई नोमान को, फिर पार्षद बनकर रह जाएंगे?
आरिफ ने एक बार फिर दोहराया है कि उसने कभी सारस को कैद करके नहीं रखा। सारस अक्सर दिन में जंगल में घूमता था और शाम में आ जाता था। उन्होंने कानपुर चिड़ियाघर के लोगों से भी यही कहा है कि उसके सारस का ध्यान रखा जाए और उसको कैद ना किया जाए।