पंजाब के जनपद होशियारपुर निवासी किशोरी लाल शर्मा ने यूथ कांग्रेस से पार्टी में कार्य शुरू किया। साल 1983 में यूथ कांग्रेस में 450 युवाओं का चुनाव हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से संचालित 20 सूत्री कार्यक्रम की मॉनीटरिंग के लिए युवाओं की ट्रेनिंग हुई। मध्य प्रदेश में मॉनीटरिंग के दौरान 20 सूत्री कार्यक्रम की रिपार्ट तैयार की और उन सभी कमियों की रिपोर्ट दी। इनके काम से प्रभावित होकर राजीव गांधी ने उनके साथ प्रकाश जैन, चंद्रशेखर शर्मा, कांति गोयल सहित दस युवाओं की टीम का चयन किया और नवंबर 1983 में अमेठी भेजा।
1985 में मिला था चुनाव लड़ने का ऑफर
किशोरी लाल शर्मा जब अमेठी आए तो उन्हें संसदीय क्षेत्र की ब्लॉक सिंहपुर और आधी तिलोई की जिम्मेदारी दी गई। उनका काम देखकर साल 1985 राजीव गांधी ने किशोरी लाल शर्मा को लुधियाना नार्थं सीट से विधायक का टिकट देने की बात कही। उस समय उम्र कम होने से केएल शर्मा ने अपने चचेरे भाई सतपाल को टिकट दिलाया और वह विधायक बने । गांधी परिवार के चाणक्य हैं किशोरी लाल शर्मा
1983 से लगातार राजीव गांधी, कैप्टन सतीश शर्मा, सोनिया गांधी, राहुल गांधी के चुनाव का प्रबंधन देखने वाले केएल शर्मा को 2024 में कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया। चार जून 2024 को वह पल था, जब जीत का सेहरा उनके सिर पर बंधा। किशोरी लाल शर्मा को गांधी परिवार के चाणक्य के रूप में जाना जाता है।
2019 का क्या था रिजल्ट?
2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को अमेठी लोकसभा सीट से हराया था। 2024 में जब केएल शर्मा अमेठी से चुनावी मैदान में उतरे तो सभी की निगाहें इस पर थी कि वे क्या कमाल दिखाते हैं। क्या किशोरी लाल शर्मा अमेठी को वापस जीतने सें सफल होंगे? ऐसे में लोकसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले सामने आए, जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी लोकसभा सीट से हार गई। वह भी 1,60,000 वोटों से ज्यादा के मार्जिन से।