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..इसलिए शिक्षकों को मिली इजाजत
बता दें कि फ्लोरिडा सरकार ने इस नए कानून को सही ठहराया है। राज्य की सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी ( Republican Party ) बहुमत में है। जब सदन में इस बिल को पेश किया गया तो पक्ष में 65 में से 47 वोट पड़े। इसके साथ ही बिल को मंजूरी मिल गई। नए कानून के मुताबिक अब कोई भी शिक्षक अपने साथ चाहें तो क्लासरूम में बंदूक लेकर जा सकते हैं। हालांकि नए कानून में बंदूक साथ ले जाने के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई है। यह कहा गया है कि शिक्षकों को 144 घंटे का ट्रेनिंग प्रोग्राम और मानसिक परीक्षण की अनिवार्यता रखी गई है। शिक्षकों को यह अधिकार देने के पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि बीते साल वेलेंटाइन डे के दिन फ्लोरिडा के मायामी से 72 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित पार्कलैंड के मारजरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल में एक शख्स (स्कूल का पूर्व छात्र) ने घुसकर गोलीबारी की थी, जिसमें 17 लोग मारे गए थे। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए इस कानून को बनाया गया है।
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बुरे लोगों से लड़ने में मदद करेगा यह कानून: रिपब्लिकन
रिपब्लिकन पार्टी के नेता इस कानून को सही बता रहे हैं। रिपब्लिकन ( Republican ) के नेता यह कह रहे हैं कि इस कानून के जरिए बुरे लोगों के खिलाफ अच्छे लोगों को लड़ने की ताकत मिलेगी। बुरे लोगों को पता ही नहीं होगा कि अच्छे लोग भी उसपर जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। मालूम हो कि पार्कलैंड की घटना के बाद अमरीका में लोग यह मांग करने लगे थे कि बंदूकों से जुड़े नियम कायदों को सख्त किया जाए। इस तरह के कानून को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( President Donald Trump ) भी सही ठहरा चुके हैं और नेशनल राइफल एसोसिएशन का मानना है कि ऐसे कानून की मदद से अपराधियों के खिलाफ शिक्षक भी लड़ सकते हैं।
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विपक्षी दलों ने जताया विरोध
इस कानून को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है। विपक्ष का कहना है कि स्कूल व क्लासरूम में बंदूक ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। विपक्ष का तर्क है कि किसी विषम परिस्थिति में शिक्षक से गलती हो सकती है और गोली चल सकती है। विपक्ष के अलावा राज्य शिक्षक संघ भी इस कानून के खिलाफ था। मालूम हो कि बीते साल भी इस तरह का एक कानून बनाया गया था, जिसमें यह प्रावधान था कि शिक्षक नहीं बल्कि स्कूल के कुछ अधिकारी अपने साथ बंदूक ले जा सकते हैं।
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