अब सीनेटर रुबियो के आरोप का समर्थन एक अन्य रिपब्लिकन सिनेटर रॉन जॉनसन ने भी किया है। उन्होंने सीनेट की विदेश संबंध समिति को बताया है कि प्रिंस सलमान लापरवाह हैं। वह निर्दयी हैं। विदेश नीति के मोर्चे पर वह टकराव की स्थिति पैदा कर सकते हैं। उनका साथ देना अमरीका के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि अमरीका सऊदी अरब से दूरी बनाकर रखे।
दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से नामित और साऊदी अरब के लिए संभावित अमरीकी राजदूत व सेवानिवृत जनरल जॉन अबिजैद ने अमरीका और सऊदी अरब के बीच जारी करीबी संबंधों का बचाव किया है। सीनेटर अबिजैद ने सीनेट की विदेश नीति संबंध समिति के सामने कहा है कि सामरिक और रणनीतिक हितों को देखते हुए सऊदी अरब के साथ बेहतर संबंध अमरीका के हित में है। उन्होंने कहा कि जहां तक यमन गृह युद्ध में सऊदी अरब की भूमिका और पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की बात है तो इसके लिए एमबीएस को दोषी ठहराने से पहले जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है। अबिजैद ने तो विदेश संबंध समिति से कहा है कि दीर्घकालिक हितों को देखते हुए सऊदी अरब से पहले से ज्यादा मजबूत संबंध बनाने की जरूरत पर दिया है।
दिसंबर, 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की साजिश में अमरीकी सीनेटर्स सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर उंगली उठाते रहे हैं। अमरीकी जांच एजेंसी सीआईए की डायरेक्टर गिना हास्पेल के सीनेटरों के सामने दिए गए बयान के बाद कई सीनेटरों ने सलमान के साजिश में शामिल होने के संकेत दिए हैं। सीनेट की विदेश संबंधों से जुड़ी समिति के प्रमुख डेमोक्रेटिक सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने कहा कि हमने पहले जो कहा था वो अब और ज्यादा मजबूत हुई है। खाशोगी की हत्या को लेकर मेनेंडेज ने सऊदी अरब के प्रिंस की भूमिका पर सवाल उठाए थे। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन से मांग की थी कि सऊदी अरब से रक्षा सहित सभी तरह के संबंध खत्म किया जाए।
रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा था कि सऊदी प्रिंस के लोगों ने ही खाशोगी हत्याकांड को साजिश के तहत अंजाम दिया। हम इस तथ्य से अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते हैं। बता दें कि खाशोगी की तुर्की में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में 2 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी।