कुछ राज्यों में रिकाउंटिंग को लेकर रिपब्लिकन पार्टी अदालत तक पहुंच भी गई है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अमरीका में दो बार चुनावी नतीजे पलट चुके हैं। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के लिए कोर्ट की राह आसान हो सकती है। इसके पीछे भी बड़ी वजह है। आईए जानते हैं क्यों कयास लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट में ट्रंप की राह आसान हो सकती है।
राष्ट्रपति की कुर्सी से महज इतने कदम दूर हैं डेमोक्रेट उम्मीदवार, ट्रंप ने उठाया बड़ा कदम ट्रंप राज में हुई 6 जजों की नियुक्तिट्रंप की राह कोर्ट में कुछ आसान हो सकती है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में 6 जजों की नियुक्ति की जा चुकी है। इनमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं। इन सभी की नियुक्ति रिपब्लिकन पार्टी की सरकारों के राज में हुई है।
ऐसे में माना जा रहा है कि जब कोर्ट में चुनावी लड़ाई चलेगी तो ट्रंप के पक्ष में जजों का झुकाव हो सकता है। हालांकि कानूनी प्रक्रिया है ऐसे में इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, लेकिन ट्रंप राज में नियुक्ति के चलते ट्रंप की बात को तवज्जो मिलने के आसार हैं।
डेमोक्रेट खेमे ने किया था विरोध
पिछले दिनों डेमोक्रेट खेमे ने ट्रंप सरकार का जजों की नियुक्ति को लेकर जमकर विरोध भी किया था। जो बिडेन से लेकर कमला हैरिस तक ने ट्रंप सरकार की खूब आलोचना भी की थी, लेकिन ट्रंप अमरीकी सुप्रीम कोर्ट में अपने शासन काल में तीसरी जज की नियुक्ति करवाने में कामयाब रहे।
कोर्ट से पलटे चुनावी नतीजे
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के दो बार नतीजे कोर्ट के दखल के बाद पलट चुके हैं। 2000 में जब रिपब्लिकन की ओर से जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट्स की ओर से एल गोरे चुनावी मैदान में थे, तो फ्लोरिडा में पेच फंसा।
बुश कुल 537 वोटों से आगे थे, लेकिन एल गोरे ने दोबारा वोटों की गिनती की मांग की। बुश ने कोर्ट का रुख किया और रिकाउंटिंग रोकने की बात कही। कोर्ट ने बुश के पक्ष में फैसला सुनाया और बुश को विजेता घोषित किया।
कोरोना संकट के बीच 5 नवंबर से होने जा रहे बड़े बदलाव, हटेंगी इन क्षेत्रों में लगी पाबंदियां 1 वोट से हुई जीतवहीं 1876 में भी रुदरफोर्ड बी. हेयस ने 1 वोट से डेमोक्रेट्स के सैमुअल टिल्डन को हरा दिया था। दरअसल तिम नतीजों के लिए कांग्रेस ने एक कमिशन का गठन किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जज, हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव, सीनेटर और अन्य लोग शामिल थे। अंत में इन्हीं की वोटिंग के आधार पर राष्ट्रपति का नाम तय हुआ था।