व्हाइट हाउस में अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रो के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा एक अमेरिकी सांसद ने बताया कि प्रशासन एच-1 बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को कानूनी रूप से मिल रहे वर्क परमिट को खत्म करने की योजना बना रहा है। मन जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो इस फैसले से हजारों भारतीयों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। बता दें कि यह नियम पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में शुरू किया गया था, अगर इसे खत्म किया जाता है तो हजारों की संख्या में एच-4 वीजा धारक बेरोजगार हो जाएंगे। एच-1 वीजा धारकों के जीवनसाथी को एच-4 वीजा जारी किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में उच्च कौशल वाले भारतीय पेशेवर शामिल हैं। ओबामा के शासनकाल के दौरान एच-4 वीजा धारकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई थी। इनमें 90 फीसदी भारतीय थे ।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “हम अमरीकी प्रशासन द्वारा किए गए कुछ कार्यों से बहुत निराश हैं।” बता दें कि एच -1 बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीज़ा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को
रोजगार ? देने की अनुमति देता है, जिन्हें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। आईटी कंपनियां कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों संविदा पर
काम करवाने के लिए इस पर निर्भर करती हैं।
अमरीकी प्रतिबंध से भारत-रूस के बीच 6 अरब डॉलर के रक्षा सौदे पर लग सकता है ब्रेक प्रभु ने प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता कंपनियों को जारी वीजा प्रावधानों के बारे में बोलते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अमरीकी अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि अमरीका में भारतीय कंपनियों के निवेश ने अमेरिका में नई नौकरियां पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि “यह एक बहुत ही निराशाजनक बात है। हमने पहले ही इस मुद्दे को अमेरिका के साथ उठाया है। हम उम्मीद करते हैं कि इसे अन्य वार्ताओं से आगे ले जाएं।”
माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के हालिया एक अध्ययन के अनुसार, अमेरिका ने एच -1 बी वीजा धारकों के साथियों को 71,000 से अधिक रोजगार प्राधिकरण दस्तावेज जारी किए हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत भारतीय हैं। प्रभावशाली सांसदों और फेसबुक समेत अमरीकी आईटी उद्योग के प्रतिनिधियों ने एच -4 वीजा धारकों को काम करने की मंजूरी ( वर्क परमिट ) खत्म करने की ट्रंप प्रशासन की प्रस्तावित योजना का विरोध किया है।