उन्होंने कहा कि लोगों को इसे टुकडों में देखने की आदत लगी हुई है। मोदी सरकार इसके समाधान के लिए एकीकृत रूख अपनाएगी जिसमें सैन्य और राजनीतिक दोनों का सामंजस्य होगा। गृह मंत्रालय के तीन साल के कामकाज का लेखा-जोखा पेश करने के लिए बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ ने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान चुटकी बजाकर या महीनों में नहीं निकाला जा सकता। सरकार के पास इसकी रणनीति है जिसका अभी खुलासा नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर काम हो रहा है और इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के मुस्तकबिल की राह का हर पत्थर हटायेंगे। प्रकृति ने कश्मीर को वरदान दिया है और वहां के नौजवानों के हाथों में जो सलाहियत है, उसका देश के विकास में उपयोग किया जाएगा। ये हाथ पत्थर फेंकने के लिए नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें पाकिस्तान की शह पर नौजवानों को गुमराह कर रही हैं और इन ताकतों के अपने स्वार्थ हैं लेकिन इन ताकतों को सफल नहीं होने दिया जाएगा और इन्हें नौजवानों के साथ खिलवाड की इजाजत नहीं दी जा सकती। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने यहां सिन्ध, बलूचिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान को नहीं संभाल सका लेकिन भारत के खिलाफ इन ताकतों का इस्तेमाल कर रहा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर समस्या के समाधान के लिए विभिन्न पक्षों से बातचीत का रास्ता अख्तियार करेगी लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा कि अभी यह तय नहीं है कि किससे बात की जाएगी और किससे नहीं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बातचीत से बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। सरकार बातचीत करने को तैयार है।